शारदीय नवरात्रि 2023: त्रिपुरा सुंदरी माता के दरबार पहुंचीं वसुंधरा राजे, निकाले जा रहे सियासी मायने

राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश देश के दूसरे क्षेत्रों से श्रद्धालु प्रतिवर्ष माता के दर्शन के लिए आते हैं. इन्हें स्थानीय भाषा में तरतई माता के नाम से भी जाना जाता है. जिसे तुरंत फल देने वाली मां कहा जाता है.

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Banswara:

Shardiya Navratri 2023: आज से पूरे नवरात्रि शुरू हो गई है. पूरा देश माता की भक्ति में डूबा हुआ है. रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नवरात्रि की शुरुआत पर त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंची. इससे पहले वह सर्किट हाउस में रुकी. फिर सीधे माता के मंदिर पूजा-अर्चना और घट स्थापना के लिए पहुंची. वसुंधरा के नवरात्रि में त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

राजे हर नवरात्रि पर यहां दर्शन के लिए पहुंचती है. वह रविवार सुबह सड़क मार्ग से उदयपुर से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंची. यूं तो उनकी यात्रा आम ही होती, लेकिन अगले माह चुनाव को देखते हुए यात्रा बहुत ख़ास मानी जा रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पूरे विधि-विधान के साथ मां त्रिपुरा सुंदरी की पूजा-अर्चना की और इस दौरान उन्होंने मीडिया से किसी तरह की बातचीत भी नहीं की. राजे ने गर्भ गृह में बैठकर पूजा-अर्चना की. मंदिर मंडल समिति की ओर से उनका जोरदार स्वागत किया गया. जब पूर्व मुख्यमंत्री दर्शन कर मंदिर से बाहर निकली तो सैकड़ों की संख्या में मौजूद समर्थकों ने उनका स्वागत किया. 

मां त्रिपुरा का स्थल राजस्थान के दक्षिणांचल में अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है. वागड़ में शिव और शक्ति की उपासना पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ की जाती है. इस मौके पर जिला अध्यक्ष लाभचंद पटेल, पूर्व मंत्री भवानी जोशी, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा सहित अन्य नेताओं ने उनको जोरदार स्वागत किया.

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