राजस्थान में अज्ञात बीमारी की वजह चली गई सैकड़ों भेड़-बकरियों की जान, पशुपालन विभाग ने भी खड़े किए हाथ

राजस्थान के जैसलमेर इलाके के खुहड़ी में इन दिनों अज्ञात बीमारी की वजह से सैकड़ों भेड़-बकरियों का जान चली गई है. यहां खुहड़ी और आसपास के गांवों में अज्ञात बीमारी कहर बन कर टूट पड़ी है.

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Rajasthan Unknown Disease: राजस्थान में लंपी वायरस की वजह से हजारों मवेशियों की जान जा चुकी है. लेकिन इसके सटीक इलाज नहीं मिल पाया है. वहीं अब राजस्थान में एक और अज्ञात बीमारी तेजी से पैर पसार रही है. जिसकी वजह से सैकड़ों भेड़ और बकरियों की जान चली गई है. वहीं इस बीमारी का कोई कारण भी पता नहीं चल पाया है. पशुपालक भेड़-बकरियों की जान की गुहार पशुपालन विभाग से लगा रहे हैं. लेकिन पशुपालन विभाग के पास भी बीमारी और इसके इलाज अब तक नहीं है.

राजस्थान के जैसलमेर इलाके के खुहड़ी में इन दिनों अज्ञात बीमारी की वजह से सैकड़ों भेड़-बकरियों का जान चली गई है. यहां खुहड़ी और आसपास के गांवों में अज्ञात बीमारी कहर बन कर टूट पड़ी है. क्योंकि यह जानवर ही उनके आजीविका का एक साधन हैं.

इलाके में अचानक से मर रही हैं बकरियां

पशुपालक अपनी एक मृत बकरी लेकर जैसलमेर के पशुपालन विभाग पहुंचे. ताकि इस बीमारी का पता लगाया जा सके. पशुपालक अपने पशुओं को खोकर परेशान हैं. यह बीमारी न केवल उनकी आजीविका को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके लिए भावनात्मक रूप से भी बड़ी चोट है. इस बारे में पशुपालकों ने कहा कि हमारे इलाके में अचानक बकरियां मर रही हैं. वे चलते-चलते गिर जाती हैं. हमें नहीं पता कि ये कौन सी बीमारी है. हमने पशुपालन विभाग से मदद मांगी, लेकिन अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. हमारे लिए ये बड़ा संकट है.

मृत बकरियों का किया जा रहा पोस्टमार्टम

पशुपालकों की इस समस्या को लेकर जैसलमेर पशुपालन विभाग ने एक मृत बकरी का पोस्टमॉर्टम शुरू किया है. डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी का कारण पता लगाने के लिए राज्य स्तर से विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. डॉ. वासुदेव गर्ग ने बताया कि आज एक मृत बकरी का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है. इससे बीमारी का कारण पता चलेगा. हमारी टीम ने पहले भी मौके पर जांच की थी, लेकिन बीमारी की पहचान नहीं हो सकी. अब हम स्टेट लेवल की मेडिकल टीम को बुलाकर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.

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इस मामले में जैसलमेर के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. उमेश से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि हमारी प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द बीमारी का पता लगाया जाए. विभाग के स्तर पर हर संभव मदद की जा रही है. अब तक जो लक्षण नजर आए है वो मौजूदा बीमारियों से मेल नहीं खाते. अब एक बकरी का पोस्टमार्टम करवाया है और कुछ बकरियों के ब्लड सेम्पल लिए है.यह दोनो रिपोर्ट्स आने के बाद ही मामले में निष्कर्ष तक पहुंचेंगे.

पशुपालक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज ढूंढे और उनकी आजीविका को बचाए. यह समस्या वाकई चिंताजनक है. उम्मीद है कि प्रशासन और पशुपालन विभाग मिलकर इसका समाधान निकालकऱ पशु पालको को राहत देंगे.

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