Rajasthan Shivira Panchang: राजस्थान के स्कूलों में अब इस दिन मनाया जाएगा स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस, विपक्ष हुआ नाराज

Rajasthan Politics: माध्यमिक शिक्षा विभाग के कैलेंडर में दूसरे और चौथे शनिवार को ‘‘नो बैग डे’’ जैसी पहल और स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का उत्सव मनाना भी शामिल है. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan Politics: राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों के नए सत्र के लिए जारी शैक्षणिक कैलेंडर (Rajasthan Shivira Panchang) से राजनीतिक बहस शुरू हो गई है. शिविरा पंचांग में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के उपलक्ष्य में स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस (Golden Crown Head Day) मनाने का प्रस्ताव है. इसमें 28 मई को वीर सावरकर जयंती (Veer Savarkar Jayanti) मनाए जाने की घोषणा भी की गई है. 

5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था. शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए कैलेंडर शिविरा पंचांग रविवार को जारी किया. इसमें 4 फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस, 7 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, 14 फरवरी को मदर्स डे-फादर्स डे और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस दिवस के तौर पर शामिल किया गया है.

कांग्रसे ने जमकर किया विरोध

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्कूलों में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का जश्न मनाने के भाजपा सरकार के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'सरकार का यह कदम शैक्षिक के बजाय राजनीतिक हितों को साधने वाला है. कांग्रेस शिक्षा के इस राजनीतिकरण और राज्य सरकार द्वारा छात्रों पर अपनी विभाजनकारी विचारधारा थोपे जाने का विरोध करती है.'

राम मंदिर के अभिषेक का उत्सव

इससे पहले प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग ने 9 जुलाई को अपना वार्षिक कैलेंडर प्रकाशित किया था, जिसमें राम मंदिर के अभिषेक के उत्सव को शामिल किया गया था.

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'अकबर का महिमामंडन किया गया'

26 फरवरी को कार्यभार संभालने के बाद स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सावरकर और महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों के इतिहास में चित्रण की आलोचना की थी. उनका तर्क था कि पिछली कहानियों में मुगल बादशाह अकबर का गलत तरीके से महिमामंडन किया गया था. स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर की भूमिका को इतिहास में गलत तरीके से लिखा गया है.

'सावरकर ने लड़ने के बजाय अंग्रेजों से माफी मांगी'

कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने नए कैलेंडर की निंदा करते हुए कहा कि यह शिक्षा का राजनीतिकरण करने और हिंदुत्व विचारधारा का प्रचार करने का प्रयास है. उन्होंने मंत्री के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया है और इसका उद्देश्य छात्रों को सावरकर के बारे में पढ़ाना है, जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ने के बजाय उनसे माफी मांगी थी.

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भाजपा ने प्रवक्ता ने किया बचाव

वहीं भाजपा के प्रवक्ता मुकेश पारीक ने कैलेंडर का बचाव करते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा का इरादा छात्रों को सावरकर और महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों के बारे में शिक्षित करना है क्योंकि वह मानती है कि इनकी कहानियां उन्हें प्रेरित करेंगी. भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि छात्र महाराणा प्रताप और सावरकर जैसे महान नेताओं के जीवन से प्रेरणा लें.'

माध्यमिक शिक्षा विभाग के कैलेंडर में दूसरे और चौथे शनिवार को ‘‘नो बैग डे'' जैसी पहल और स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का उत्सव मनाना भी शामिल है. 

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