पारे से निर्मित 108 किलो का शिवलिंग, यहां पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना  

राजस्थान के झालावाड़ के प्रसिद्ध शिव मंदिर में 108 किलो पारे से निर्मित शिवलिंग श्रावण माह में सुर्खियों में रहता हैं, जिसकी महत्ता है कि अगर कोई शिवभक्त श्रावण महा पारे से निर्मित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है, तो उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है.

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पारे से निर्मित 108 किलो शिवलिंग

आज श्रावण माह का आखिरी सोमवार है. श्रावण का महीना शिवभक्तों के लिए खास होता है और इस महीने के हर सोमवार को शिवभक्त भगवान शिव की विशेष पूजा के लिए शिव मंदिरों में जाते है. राजस्थान के झालावाड़ के प्रसिद्ध शिव मंदिर में 108 किलो पारे से निर्मित शिवलिंग श्रावण माह में सुर्खियों में रहता हैं, जिसकी महत्ता है कि अगर कोई शिवभक्त श्रावण महा पारे से निर्मित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है, तो उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है.

झालावाड़ के झालरापाटन शहर के नवलखा किले पर आनंदधाम मन्दिर में स्थापित किए 108 किलो पारे से निर्मित शिवलिंग पूरे राजस्थान में अलहदा है. आकार छोटा दिखने वाला यह शिवलिंग का वजन 108 किलो ग्राम बताया जाता है. कहते हैं कि किसी भी शिवलिंग पर 108 बार अभिषेक और पारे से निर्मित शिवलिंग पर एक बार अभिषेक करने का पुण्य बराबर होता है.

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नवलखा किले पर आनंदधाम मन्दिर में स्थापित है पारे से निर्मित 108 किलो का शिवलिंग

शिवभक्त यहां बार बार यहां पसंद करते हैं. 

कहने का मतलब है कि पारे से निर्मित शिवलिंग की पूजा-अर्चना और अभिषेक का फल दूसरे शिवलिंग के 108 अभिषेक के बराबर है. यही नहीं,  पारे से निर्मित शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों को बहुत मन की शांति मिलती है. यहां आकर लोगों को अलग ही अनुभव होता है, इसलिए शिवभक्त यहां बार बार यहां पसंद करते हैं. 

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श्नावण माह में होती हैं भक्तों की भारी भीड़ 

शिवरात्रि पर तो यहां मेला लगता हैं. यहा दर्शन करने वालों की भारी भीड़ जुटती है और अभिषेक करने वालो का तो नंबर ही नहीं आता है. कहते हैं. वहीं, श्रावण माह में खासकर सोमवार के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. यहां सुबह से भी भक्त पहुंचने लग जाते है और पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.

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