Sanwaliya Seth Temple: श्री सांवलिया सेठ के दरबार में भक्तों ने बरसाया धन, पहले दिन दानपात्र से निकले रिकॉर्ड तोड़ 10 करोड़!

Rajasthan News: चतुर्दशी के अवसर पर मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम, श्रीसंवालिया सेठ के दानपात्र खोला गया. जिसके पहले चरण के चढ़ावे ने ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

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Sanwaliya Seth Temple

 Sanwariya Seth Temple: राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम, श्री सांवलिया सेठ मण्डफिया में भक्तों ने दिल खोलकर दान किया है. चतुर्दशी के अवसर पर खोले गए मासिक दानपात्र ने पहले ही दिन रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावा दर्ज किया है. रविवार को गिनती बंद रहने तक, दानपात्र से पूरे 10 करोड़ रुपए की गिनती हो चुकी है, जो पहले दिन की गिनती में अब तक की सबसे बड़ी राशि है.

कड़ी सुरक्षा के बीच दान की राशि गिनी गई

श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल की सीईओ प्रभा गौतम और मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में भगवान श्री सांवलिया सेठ की राजभोग आरती के बाद दानपात्र खोला गया. कड़ी सुरक्षा के बीच दान की गिनती शुरू हुई और पहले चरण में ही 10 करोड़ रुपए की गिनती पूरी हो गई. मंदिर परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच दान की गिनती की जाती है. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं और कर्मचारी भी कड़ी निगरानी रखते हैं. दान की गिनती करने वाले कर्मचारियों को भी अंदर-बाहर जाते समय जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

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4 से 5 चरणों में पूरी होती है गिनती

श्री सांवलिया सेठ के भंडार से निकलने वाली दानराशि की गिनती 4 से 5 चरणों में पूरी होती है. पहले और दूसरे चरण में 500-500 रुपए के बड़े नोटों को छांटा जाता है और उनके बंडल बनाए जाते हैं। 10, 20, 50 और 100 रुपए के नोटों की गिनती अंतिम चरणों में की जाती है.

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गिनती के लिए लगाए जाते हैं 70-80 कर्मचारी

दानराशि की गिनती के लिए 70-80 कर्मचारी लगाए जाते हैं, जो सुबह 11 बजे से शाम करीब 6 बजे तक नोटों की गिनती करते हैं.गिने हुए नोटों के बंडल एक जगह जमा किए जाते हैं, जिन्हें बाद में मण्डफिया गांव स्थित बैंक के कर्मचारी मौके पर ही गिनकर बैंक में जमा करते हैं.

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28 अप्रैल से फिर शुरू होगी गिनती

रविवार होने के कारण आज दानराशि की गिनती बंद रहेगी. शेष राशि की गिनती 28 अप्रैल से फिर शुरू होगी. इसके अलावा, भंडार, भेंट कक्ष और कार्यालय में प्राप्त होने वाले सोना-चांदी का तौल भी अभी बाकी है. ऑनलाइन, मनी ऑर्डर और कार्यालय में प्राप्त होने वाली दानराशि की गिनती भी की जानी है. श्री सांवलिया सेठ के दरबार में रोजाना हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. 

मन्नत पूरी होने पर भगवान को हिस्सा चढ़ाने आते हैं उनका हिस्सा

मान्यता है कि भक्त अपने व्यापार में श्री सांवलिया सेठ को भागीदार बनाते हैं और मन्नत पूरी होने पर भगवान का हिस्सा चढ़ाने यहां आते हैं. गौरतलब है कि होली पर डेढ़ महीने बाद खोले गए भंडार से 29 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा मिला था. इसके बाद 15 दिन में खोले गए भंडार से भी 12 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के साथ विदेशी मुद्राएं और सोना-चांदी चढ़ावे में आया था. इस बार पहले ही दिन 10 करोड़ का आंकड़ा पार होना भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है.

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