Khatushyam Ji: बाबा श्याम के दर्शनों के लिए भक्तों को करना होगा 19 घंटे का इंतजार, जानें समय और वजह

Rajasthan News: खाटू श्याम जी मंदिर 30 अप्रैल रात 10 बजे से 1 मई शाम 5 बजे खाटूश्याम मंदिर के कपाट 19 घंटे तक बंद रहेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
khatushyam ji Temple, Sikar

Khatushyam ji Darshan: अगर आप दूर-दूर से खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए आ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है. राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर के कपाट अब पूरे 19 घंटे तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे.  मंदिर प्रबंधन समिति ने इसकी जानकारी जारी की है. इसमें बताया गया है कि मंदिर में बाबा श्याम की विशेष सेवा पूजा और तिलक श्रृंगार के चलते यह निर्णय लिया गया है. इस दौरान लोगों  के लिए खाटू श्याम जी के दर्शन बंद रहेंगे.

19 घंटे के लिए बंद रहे बाबा श्याम के कपाट 

समिति के अनुसार, मंदिर के कपाट 30 अप्रैल 2025 को रात्रि 10 बजे से बंद कर दिए जाएंगे तथा अगले दिन एक मई 2025 को शाम पांच बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. मंदिर समिति के एक सदस्य ने बताया, "हर वर्ष मंदिर में नियमित अंतराल पर बाबा श्याम की विशेष सेवा पूजा व तिलक-श्रृंगार किया जाता है."

Advertisement

मंदिर की तरफ से जारी सूचना
Photo Credit: Temple Website

कपाट खुलने के बाद करें दर्शन

मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं को सलाह देते हुए कहा है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस जानकारी के अनुसार ही बनाएं ताकि उन्हें मंदिर पहुंचने पर निराशा न हो. मंदिर के कपाट खुलने के बाद, भक्त हमेशा की तरह बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे.

Advertisement

कौन है बाबा श्याम

हारे के सहारे बाबा श्याम को बर्बरीक अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ब्राह्मण के रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ‘बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा.'

Advertisement

यह भी पढ़ें: करौली के सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम लागू, मोबाइल एप के जरिए शिक्षक लेंगे हर छात्र की हाजिरी 

Topics mentioned in this article