Rajasthan: मानसून की दस्तक से ही बिगड़े शहर के हालात, बदहाली ऐसी की... सड़क पर तैरती नजर आई गाड़ियां

हर साल मानसून से पहले स्थानीय प्रशासन पानी निकासी के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हालात जस के तस रहते हैं. इस बार भी प्रशासन ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए.

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सड़क पर भरा पानी

Rajasthan News: सीकर जिले में मानसून की शुरुआत के साथ ही मौसम ने करवट ली है. पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद शुक्रवार सुबह से तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई. इस बारिश ने जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं शहर के कई इलाकों में जलभराव ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दीं. सड़कें नदियों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया.

निचले इलाकों में सड़कें बनीं तालाब

सीकर शहर के कई निचले इलाके जैसे नवलगढ़ रोड, बजाज रोड, लोहारू बस स्टैंड, राधाकिशनपुरा रेलवे अंडरपास और फतेहपुर रोड जलभराव की चपेट में आ गए. बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो गया, जिससे मुख्य मार्ग भी तालाब जैसे बन गए. लोग गंदे पानी और कीचड़ से होकर गुजरने को मजबूर हुए. खासकर नवलगढ़ रोड, जहां दर्जनों कोचिंग सेंटर और स्कूल हैं, वहां लाखों छात्र-छात्राओं को जलभराव के बीच से गुजरना पड़ा. इस रास्ते पर बारिश के समय हालात इतने खराब हो जाते हैं कि वाहन तक फंस जाते हैं.

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प्रशासन की लापरवाही उजागर

हर साल मानसून से पहले स्थानीय प्रशासन पानी निकासी के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हालात जस के तस रहते हैं. इस बार भी प्रशासन ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. पिछले साल नवलगढ़ रोड पर एक छात्र की सीवरेज के गड्ढे में गिरने से मौत हो गई थी, फिर भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया. पानी निकासी की व्यवस्था न होने से लोगों को हादसों का डर सताता रहता है. 

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जनता की मांग, समाधान की जरूरत

सीकर के लोगों का कहना है कि हल्की बारिश में ही शहर की यह हालत है, तो भारी बारिश में क्या होगा? स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द पानी निकासी की पुख्ता व्यवस्था करने की मांग की है.

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