सीकर सेप्टिक टैंक हादसे में मुआवजे का ऐलान, L&T कंपनी देगी 30-30 लाख रुपये; जांच के लिए बनी कमेटी

Sikar Accident: सीकर में हुए इस हादसे के बाद राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है. तीन लोगों की इस तरह मौत हो जाने का मुद्दा बनाकर कांग्रेस सरकारी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठा रही है.

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Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले के सरदारपुरा में मंगलवार शाम सीवरेज टैंक की सफाई करते समय 3 मजदूरों की दम घुटने से मौत (Sikar Sewer Tank Accident) हो गई. इसके बाद आर्थिक मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर मृतक के परिजन फतेहपुर ट्रॉमा सेंटर (Fatehpur Trauma Centre) के बाहर धरना पर बैठ गए. देर रात जिला प्रशासन से बातचीत में बनी सहमति के बाद यह धरना समाप्त हो गया. 

3 मांगों पर बनी सहमति

सहमति के अनुसार, मृतक के प्रत्येक परिवार को कंपनी की ओर से 30-30 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से सक्षम अधिकारी से पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई  की जाएगी. सरकारी नियम के अनुसार ही यह राशि मृतक के परिवार को मिलेगी.

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फतेहपुर ट्रॉमा सेंटर के बाहर धरने पर बैठे मृतक के परिजन और ग्रामीण.
Photo Credit: NDTV Reporter

कैसे हुआ था ये हादसा?

मंगलवार को एक सफाई कर्मचारी सीवेज टैंक की सफाई करने के लिए 20 फीट गहरे टैंक में उतरा, लेकिन जहरीली गैसों के कारण वह बेहोश हो गया. कुछ देर बाद दो साथी उसे बचाने के लिए अंदर गए, लेकिन वह भी जहरीली गैसों के कारण बेहोश हो गए. यह दुर्घटना दोपहर करीब 4:30 बजे हुई. हादसे की जानकारी मिलने पर पुलिस और क्षेत्रीय विधायक हाकम अली खान, और अन्य लोग मौके पर पहुंच गए. पुलिस टीम ने तीनों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

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फतेहपुर ट्रॉमा सेंटर के बाहर जमा लोगों की भीड़.
Photo Credit: NDTV Reporter

सीवर में उतरना गैरकानूनी

इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले मजदूर सज्जन (30), मुकेश (35) और महेंद्र (38) हैं. मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत, देश में सीवर की सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को नीचे भेजना पूरी तरह से अवैध है. एक प्रावधान है कि यदि विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को नाले की सफाई के लिए चेंबर में भेजा जाता है, तो कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. कर्मचारी का बीमा होना चाहिए, उसे एक पर्यवेक्षक के निर्देशों के तहत काम करना चाहिए और कर्मचारी को कार्य शुरू करने से पहले लिखित अनुमति लेनी चाहिए. हालांकि इस केस में नियमों का पालन नहीं किया गया.

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सचिन पायलट ने उठाए सवाल

इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक्स पर लिखा, 'सीकर जिले के फतेहपुर क्षेत्र में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे मजदूरों की दम घुटने के कारण हुई दर्दनाक मृत्यु की खबर अत्यंत दुःखद है. मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कई नियम हैं, जिनकी पालना अतिआवश्यक है. दुर्भाग्य की बात यह है कि नियमों के प्रति उदासीनता के कारण आज भी मजदूरों को अपने प्राण गंवाने पड़ रहे है. प्रशासन मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दे एवं सुरक्षा नियमों की पालना न होने पर सख्त कार्यवाही हो. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं.'

दोषियों पर कार्रवाई की मांग

वहीं राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक्स पर लिखा, 'सीकर के फतेहपुर में सीवरेज टैंक की सफाई के दौरान 3 सफाईकर्मियों की मृत्यु अत्यंत पीड़ादायक है. शोकाकुल परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. सरकार जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दे.' इस हादसे पर खबर लिखे जाने तक सरकार की तरह से कोई बयान सामने नहीं आया है. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्रवाई की बात कही है.

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