RJS परीक्षा में सिख अभ्यर्थियों को कृपाण के साथ नहीं दी परीक्षा की अनुमति, पंजाब के पूर्व डिप्टी CM ने की घटना की निंदा

दरअसल आरजेएस प्रारंभिक परीक्षा में रविवार को युवाओं में काफी उत्साह दिखा और जोधपुर के 31 केंद्रों पर करीब 30000 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. परीक्षा में नक़ल को रोकने के लिए बंदोबस्त किए गए थे लेकिन कुछ केंद्रों पर सिखों के धार्मिक चिन्ह कृपाण और अन्य चिन्ह उतरवाने की शिकायतें भी सामने आई हैं.

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RJS Exam 2024: रविवार को राजस्थान न्यायिक सेवा की प्री परीक्षा के दौरान जोधपुर के एक परीक्षा केंद्र पर सिख अभ्यर्थी को कृपाण के साथ प्रवेश से रोकने पर हंगामा हो गया. पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कृपाण सहित परीक्षा देने से रोकने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मामले में दखल देने को कहा है. अभ्यर्थी को परीक्षा से रोकने को लेकर एसजीपीसी अमृतसर ने भी सोशल मीडिया पर इसकी निंदा की है

दरअसल आरजेएस प्रारंभिक परीक्षा में रविवार को युवाओं में काफी उत्साह दिखा और जोधपुर के 31 केंद्रों पर करीब 30000 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. परीक्षा में नक़ल को रोकने के लिए बंदोबस्त किए गए थे लेकिन कुछ केंद्रों पर सिखों के धार्मिक चिन्ह कृपाण और अन्य चिन्ह उतरवाने की शिकायतें भी सामने आई हैं.

पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने की निंदा 

सिख परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से रोकने की घटना की निंदा हो रही है. पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखदेव सिंह बादल ने एक्स पर ट्वीट कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. बादल ने अपने सोशल मीडिया एक पर लिखा कि मैं आज जोधपुर में हुई घटना की कड़ी निंदा करता हूं

यहां जालंधर की एक वकील और अमृतधारी सिख बीबी अरमान जोत कौर को सिख रहत मर्यादा का एक हिस्सा अपनी पवित्र कृपाण के कारण न्यायिक सेवा परीक्षा देने से रोक दिया गया.

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''यह हमारे धर्म का अपमान है. मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही करें और बीवी अरमान जोत कौर को परीक्षा में बैठने का एक विशेष अवसर दें.''

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