Rajasthan News: सिरोही जिले के रेवदर थाना क्षेत्र के दांतराई में पुलिस और एनसीबी की संयुक्त कार्रवाई ने लगभग 100 करोड़ रुपये के संभावित ड्रग कारोबार को ध्वस्त कर दिया. एक कृषि कुएं पर बने मकान में अवैध रूप से एमडी (ड्रग) तैयार करने की बड़ी तैयारी चल रही थी, जिस पर समय रहते पानी फेर दिया गया. इस कार्रवाई से बड़ी संख्या में युवाओं की जान बचना बताया जा रहा है.
सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुँचकर मकान का ताला तोड़ा और तलाशी के दौरान 35 जरीकेन, 8 बड़े ड्रम केमिकल, कई कैटलियां, कांच की बोतलें, पाउडर से भरे कट्टे और बड़ी मात्रा में लैब उपकरण बरामद किए. इनमें हीटिंग मशीन, थर्मामीटर, राउंड बॉटम फ्लास्क, थ्री व फोर नोजल फ्लास्क, मैग्नेटिक स्ट्रीक्स और सेपरेटिक फनल भी शामिल थे, जिनका उपयोग एमडी निर्माण में किया जाता है.
पुलिस ने सभी केमिकल और उपकरण सील कर जब्त कर लिए
मामले में एनसीबी जोधपुर और गुजरात के गांधीनगर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस (एनडीपीएस) की टीम को बुलाया गया, जिसने मौके पर पहुंचकर जांच की. प्रारंभिक परीक्षण में पुष्टि हुई कि बरामद सामग्री एमडी ड्रग बनाने में उपयोग की जाने वाली थी. पुलिस ने सभी केमिकल और उपकरण सील कर जब्त कर लिए.
यूपीएससी की परीक्षा में असफल होने के बाद ड्रग कारोबार की ओर मुड़ गया
जांच में खुलासा हुआ कि इस अवैध लैब का मास्टरमाइंड जालोर निवासी वालाराम है, जो दो बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुका था लेकिन असफल होने के बाद ड्रग कारोबार की ओर मुड़ गया. उसने ट्रांसपोर्टर, केमिस्ट और डीलरों को शामिल कर एक संगठित नेटवर्क तैयार किया. दांतराई में कुएं के मालिक जोधाराम पुरोहित ने यह जगह भावेश उर्फ भूराराम को ठेके पर दी थी, जिसने उपकरण और केमिकल जुटाकर उत्पादन की तैयारी कर ली थी.
10 किलोग्राम एमडी तैयार करने की योजना थी
छापेमारी में बरामद केमिकल से लगभग 10 किलोग्राम एमडी तैयार करने की योजना थी, जिसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये आंकी गई. पुलिस और एनसीबी की सतर्कता से यह अवैध कारोबार शुरू होने से पहले ही धराशायी हो गया. मामले की आगे की जांच एनसीबी द्वारा जारी है.
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