शहीद भाई की प्रतिमा पर बहनों ने बांधी राखी, भाई की याद में फूट-फूटकर रोई

Rajasthan: रक्षाबंधन पर शहीद भाई की बहनों का दर्द छलका. शहीद शिवपाल की बहनों ने कहा कि भले ही उनका भाई आज इस दुनिया में नहीं है. लेकिन, उनके लिए आज भी अमर है और हमेशा जिंदा रहेगा. 

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Rajasthan:  रक्षाबंधन पर बहनें अपनी भाई को रक्षा सूत्र बांधकर भाई की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं तो श्रीमाधोपुर इलाके के डेरावाली गांव में शाहीद शिवपाल जाट की बहनें खामोश थीं. इनके चेहरे पर रक्षाबंधन पर्व की खुशी से ज्‍यादा गम दिखाई दे रहा था. आंखों से बस आंसू बहे जा रहे थे. टकटकी लगाए शहीद भाई की प्रतिमा को निहारे जा रही थीं. इनके एक हाथ में मिठाई-रोली से सजा थाल तो दूसरे में भाई की प्रतिमा की कलाई पर बांधने के लिए राखी थी.

भाई की प्रतिमा से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगीं बहनें 

ये बहनें ज्‍यादा देर तक खुद को रोक नहीं पाईं. भाई की प्रतिमा से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगीं. रूंधे गले से जब इन बहनों ने कहा, "बीरा राखी तो बंधा ले" तो वहां मौजूद हर शख्‍स अपने आंसू नहीं रोक पाया. सूरवीरों की धरती राजस्‍थान में रक्षाबंधन पर ऐसी तस्‍वीरें और वीडियो डेरावाली से सामने आई.  खासकर राजस्थान के शेखावाटी से सामने आती हैं,  जिस अंचल से देश को जवान दिए और सबसे ज्‍यादा शहीद हुए हैं. 

कमला देवी हर साल शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधती हैं

रक्षाबंधन पर्व पर सीकर के श्रीमाधोपुर इलाके के डेरावाली में कमला देवी के भाई शिवपाल जाट का जन्म 1962 में हुआ था. 1983 में 4-जाट बटालियन में भर्ती हुए. 20 नवंबर 1988 को श्रीलंका में शांति सेना भेजी गई, उसी दौरान शिवपाल जाट मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. कमला देवी हर साल शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधती हैं. इस साल भी सुशीला हर साल की तरह शहीद शिवपाल जाट के स्मारक स्थल पर पहुंची, जहां भाई की प्रतिमा को राखी बांधी. 

बाचतीत में कमला देवी ने कहा कि भले ही उनके भाई आज इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन, आज भी भाई अमर है. हमेशा उनके लिए जिंदा रहेंगे. उन्‍हें गर्व है कि इनके भाई शिवपाल जाट ने उन जैसी करोड़ों बहनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

कमला का भाई के प्रति प्रेम का दर्द छलका 

कमला देवी ने अपने शहीद भाई की प्रतिमा की कलाई पर जब राखी बांधी. राखी बांधने के बाद कमला का अपने भाई के प्रति प्रेम का दर्द भी छलक पड़ा. वह शहीद भाई की प्रतिमा से लिपटकर रोने लगीं. शहीद शिवपाल की प्रतिमा के लिपटकर रोते हुए बहन को देखकर वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए.

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