PTI Exam 2022: फर्जी तरीके से श‍िक्षक बनी मह‍िला ग‍िरफ्तार, बैक डेट में बीपीएड की ड‍िग्री लेकर बनी थी टीचर 

PTI Exam 2022:  मह‍िला के पत‍ि मंदीप को एसओजी पहले ही एसओजी ग‍िरफ्तार कर चुकी है. मंदीप और उसका सहयोगी जगदीश सारण फर्जी खेल सर्ट‍िफिकेट बनाने के मामले में ग‍िरफ्तार हैं. 

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एसओजी ने सुमन को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया.

PTI Exam 2022: स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने शन‍िवार (14 द‍िसंबर) को शरीर‍ि श‍िक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में वांक्षित मह‍िला सुमन को ग‍िरफ्तार कर लि‍या. एसओजी एडीजी वीके स‍िंह ने मीड‍िया को बताया क‍ि राजस्‍थान कर्मचारी चयन आयोग जयपुर ने शारीर‍िक श‍िक्षक भर्ती 2022 में फर्जी तरीके3 से बैक डेट में बीपीएड की ड‍िग्री और अंक ताल‍िक हास‍िल की थी. पीटीआई में नौकरी पा गई थी. आरोपी मह‍िला सुमन को राजसमंद पुल‍िस के सहयोग से उदयपुर एसओजी टीम ने ड‍िटेन क‍िया है.  

फर्जी तरीके श‍िक्षक की नौकरी हा‍स‍िल की 

सुमन (34) गणेशपुरा बास वार्ड नंबर-36 भादरा हनुमानगढ़ हाल मंदीप कुमार राजगढ़ चूरू की रहने वाली हैं. तृतीय श्रेणी शारीर‍िक श‍िक्षक भर्ती शारीर‍िक श‍िक्षक राजकीय उच्‍च प्राथम‍िक व‍िद्यालय सोन‍ियाणा राजसमंद है. जांच में सामने आया क‍ि अभ‍ियुक्‍ता शारीर‍िक श‍िक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जी तरीके से बैक डेट में बीपीएड की ड‍िग्री और अंक तालिका हास‍िल कर उसके आधार पर पीटीआई की नौकरी हास‍िल की है. 

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हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब 

राजस्थान पीटीआई भर्ती परीक्षा-2022 मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा. जस्टिस समीर जैन की बेंच ने सुनवाई करते हुए जवाब तलब किया है. नियुक्ति के बाद एसओजी (SOG) से जांच को लेकर जवाब मांगा है. इस संबंध में शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, कर्मचारी चयन बोर्ड और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस भेजा गया है. दरअसल, इस प्रकरण में एसओजी जांच पर याचिकाकर्ता ममता जाट ने सवाल उठाए थे. याचिकाकर्ता का कहना था कि नियुक्ति के बाद सीसीए नियम के तहत कार्रवाई हो सकती है, लेकिन एसओजी को जांच कैसे दी गई. बोर्ड ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद नियुक्ति दी थी. ऐसे में एसओजी को वेरिफिकेशन का अधिकार नहीं है. 

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जानिए क्या है पूरा मामला 

पीटीआई भर्ती-2022 प्रकरण में 52 अभ्यर्थियों को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने नोटिस जारी किया था. बोर्ड को इन सभी की डिग्रियों पर संदेह है, जिसके चलते नोटिस जारी कर अभ्यर्थियों से जवाब मांगा था. इन सभी अभ्यर्थियों की डिग्री ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की है. इनमें से 19 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन पर बिना काउंसिलिंग के बीपीएड कोर्स में एडमिशन लेने का आरोप है. शेष 33 अभ्यर्थियों ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने की बात बताई है, लेकिन यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में उनका कहीं विवरण नहीं है. 

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अप्रैल में एसओजी ने फर्जी डिग्री गिरोह का किया था पर्दाफाश

यह यूनिवर्सिटी पहले से सवालों के घेरे में है. इसी साल अप्रैल में एसओजी ने फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. तब इस यूनिवर्सिटी की कई डिग्री बरामद हुई थी. जुलाई महीने में यूनिवर्सिटी के संचालक  जोगेंद्र सिंह को एसओजी ने गिरफ्तार किया था. तब यह पता चला था कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी 50 हजार से लेकर लाखों तक में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के लिए फर्जी डिग्री देती थी. 

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