जोधपुर जेल में 11 दिन बाद सोनम वांगचुक की पत्नी से पहली मुलाकात, गीतांजलि बोलीं- 'उनका हौसला अटल है, हम चुनौती देंगे!'

जोधपुर जेल में हुई इस मुलाकात के बाद अब गेंद कानूनी पाले में चली गई है. गीतांजलि अंगमो और उनकी लीगल टीम अब इस डिटेंशन ऑर्डर के खिलाफ कोर्ट में अर्जी देगी.

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सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने जोधपुर जेल में उनसे मुलाकात की और NSA हिरासत आदेश प्राप्त किया.
NDTV Reporter

Rajasthan News: लद्दाख के मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuck) की गिरफ्तारी को लेकर चल रहा सस्पेंस और टेंशन आखिरकार खत्म हो गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तारी के पूरे 11 दिन बाद, मंगलवार रात उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो (Gitanjali J Angmo) को जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) में उनसे मिलने की इजाजत मिली.

11 दिन बाद मिला 'हिरासत आदेश'

जोधपुर सेंट्रल जेल में वांगचुक से मिलने के बाद उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सोशल मीडिया (ट्वीट) पर एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरकार हिरासत आदेश (Detention Order) सौंप दिया गया है. गीतांजलि ने साफ कर दिया कि यह आदेश, जिसमें वांगचुक के खिलाफ लगाए गए आरोपों और NSA के तहत गिरफ्तारी का पूरा ब्योरा है, इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. यानी अब वांगचुक की कानूनी टीम पूरी तैयारी के साथ इस मामले को आगे बढ़ाएगी.

'उनका हौसला अडिग है, प्रतिबद्धता दृढ़'

जेल से बाहर आने के बाद गीतांजलि अंगमो ने जो बयान दिया, वो दिखाता है कि सोनम वांगचुक का मनोबल बिल्कुल भी टूटा नहीं है. उनकी गिरफ्तारी भले ही NSA जैसे सख्त कानून के तहत हुई हो, लेकिन उनके हौसले में कोई कमी नहीं आई है. गीतांजलि ने ट्वीट में लिखा- आज वांगचुक से मुलाकात हुई. उनका साहस निडर है. उनकी प्रतिबद्धता दृढ़ है.'

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क्या है पूरा मामला?

सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह कानून सरकार को किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1 साल तक हिरासत में रखने की शक्ति देता है. वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा (6th Schedule) देने और वहां की जलवायु को बचाने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर उन्होंने अनशन भी किया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. उनकी गिरफ्तारी को कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने अलोकतांत्रिक करार दिया था और उनके समर्थन में आवाज उठाई थी.

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