Rajasthan Politics: 'अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दे रहे स्पीकर', हंगामे के चलते 2 बार स्थगित हुई सदन की कार्रवाई

Rajasthan Budget Session 2024: जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के माफी मांगी तो सदन में हंगामा होने लगा. इसी के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी.

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राजस्थान विधानसभा में हुआ जबरदस्त हंगामा.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की स्पीकर के खिलाफ टिप्पणी से बड़े गतिरोध के चलते सदन की कार्यवाही (Rajasthan Budget Session 2024) दो बार स्थगित हो गई. एक तरफ स्पीकर सभी नेताओं के साथ बैठकर मसला सुलझाने की बात कह रहे, वहीं प्रतिपक्ष के नेताओं ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपना लिया है. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा है कि स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाने की चुनौती दे रहे हैं. यह बात सही नहीं है. सदन में अविश्वास प्रस्ताव नियमों के तहत आते हैं. पहले भी आए हैं. जरूरत पड़ी तो फिर से आएंगे. वहीं संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले इस तरह की बात नहीं करते हो गतिरोध दूर कर लिया जाएगा.

'जूली का माफी मांगना पर्याप्त था'

पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने कहा कि कल रात का घटनाक्रम और नेता प्रतिपक्ष के साथ बरताव ठीक नहीं था. जब सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष बोलते हैं, तो उनको सदन में सब सुनते हैं. उनके बोलने के दौरान कोई अन्य सदस्य नहीं बोलता. डोटासरा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में माफी मांगी. उनके किसी शब्द से ठेस पहुंची है तो उन्होंने खेद जताते हुए माफी मांगी. उनका माफी मांगना पर्याप्त था. मगर, अध्यक्ष प्रोवोक करते हुए दिखे. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती देता हूं. सदन व्यक्तिगत कुंठा के लिए नहीं होता. अध्यक्ष की भाषा प्रोवोक करने वाली थी. वो आसान को शोभा नहीं देती. आज का गतिरोध आसान के प्रोवोक करने से हुआ. न संसदीय कार्य मंत्री का बर्ताव और ना स्पीकर के आखिर के शब्द दोनों ही सही नहीं थे.

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'बार-बार खड़े हो जाते हैं नेता प्रतिपक्ष'

इस मामले में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि राजस्थान विधानसभा का सुखद इतिहास रहा है. सभी का कर्तव्य रहा है कि सदन को मिलकर चलाएं. जनता के हित के मुद्दे सदन के पटल पर आएं मंत्री जवाब दें और जनहित के मुद्दों का निराकरण हो. कल मंत्री के जवाब के दौरान जो उत्तेजना हुई, उसका काफी हद तक निराकरण हो गया है. पटेल ने कहा है कि मुझे पूरा भरोसा है, हम सब मिलकर गतिरोध दूर कर लेंगे. पटेल बोले कि प्रतिपक्ष के नेता हर मुद्दे पर खड़े हो जाते हैं. हमने उनसे आग्रह किया है कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर ही खड़े हों. जहां तक सवाल है अविश्वास प्रस्ताव लाने का है तो उसके लिए नियम कायदे हैं. विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए किसी को कहने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन बातचीत से समाधान निकाल दिया जाए तो गतिरोध दूर कर लिया जाएगा. 

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कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?

दरअसल, कल देर शाम सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मंत्री अविनाश गहलोत की कांग्रेस पर 'टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े दिखाई देने' की टिप्पणी पर विपक्ष ने विरोध किया था. इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की थी. सदन में हंगामा हुआ और बाद में विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था. सदन के बाहर टीकाराम जूली ने स्पीकर पर धृतराष्ट्र होने का आरोप लगाते हुए सत्ता पक्ष की तरफ झुकाव की बात कही. आज प्रश्नकाल के शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने मुद्दा उठाया था, लेकिन प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में जब इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष बोलने लगे तो उनकी टिप्पणी से आहत स्पीकर गुस्सा हो गए. उन्होंने निंदा करते हुए माफी मांगने की बात कही. हालांकि स्पीकर के कहने पर नेता प्रतिपक्ष ने माफी मांगी. लेकिन सदन में इस बात को लेकर हंगामा हो गया. इसी के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई.

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