Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को लेकर की गई 'दादी टिप्पणी' पर जबरदस्त हंगामा हो गया. विपक्ष ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत (Avinash Gehlot) के बयान को आपत्तिजनक बताया और माफी की मांग को लेकर वेल में आकर नारेबाजी की.
'सदन चलने नहीं देना चाहता सत्ता पक्ष'
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'अगर हम इंदिरा गांधी को अपनी दादी कहते हैं तो इनको क्या तकलीफ है? जो देश के लिए शहीद हो गईं, उनके बारे में अनर्गल बातें की जा रही हैं. सत्ता पक्ष को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता, क्योंकि मंत्री जवाब देने में असमर्थ हैं.'
'दबाव में काम कर रहे हैं स्पीकर देवनानी'
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, 'हमने स्पीकर से इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने का निवेदन किया था. लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया. सत्ता पक्ष खुद सदन को डिस्टर्ब कर रहा है, क्योंकि उनके मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे हैं. स्पीकर भारी दबाव में काम कर रहे हैं.'
'हम पीएम मोदी पर टिप्पणी करेंगे तो...'
डोटासरा ने आगे कहा, 'हम सदन में बराबर के सदस्य हैं और हमें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है. अगर सत्ता पक्ष को हमारी पूर्व प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने का अधिकार है, तो फिर कांग्रेस भी प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी करेगी, क्या सत्ता पक्ष इसे बर्दाश्त करेगा?'
लखपति दीदी के सवाल पर जवाब नहीं
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आरोप लगाया कि उन्होंने लखपति दीदी योजना पर सवाल पूछा, लेकिन मंत्री ओटाराम देवासी जवाब नहीं दे पाए. मंत्री के सहयोग में तीन-तीन मंत्री आगे आ गए, फिर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
'स्पीकर के शरीर तक हाथ पहुंचे हैं'
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विपक्ष पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, 'मंत्री ने कह दिया कि अगर कोई असंसदीय शब्द था तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जाए, फिर भी विपक्ष नहीं मान रहा. स्पीकर के शरीर तक हाथ पहुंचे हैं. आसन पर हमला करने की कोशिश हुई है, यह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस व्यवहार के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विचार किया जा रहा है.
वहीं कांग्रेस ने कहा कि अगर मंत्री अविनाश गहलोत माफी नहीं मांगते तो कांग्रेस आगे की रणनीति तय करेगी.
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