Rajasthan News: पूरे देश में आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन, गुलाबी नगरी जयपुर (Jaipur) में इस बार गणेश चतुर्थी का उत्साह कुछ खास है. 3 साल बाद ऐसा मौका आया है जब गणेश चतुर्थी का पावन पर्व बुधवार के दिन पड़ा है, जो स्वयं गणेश जी का दिन माना जाता है. इस खास संयोग के चलते, जयपुर के सबसे प्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Temple) में भक्तों की भीड़ सुबह से ही उमड़ रही है. मंदिर के बाहर का नजारा कुछ ऐसा है, जैसे भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा हो. हर तरफ 'गणपति बप्पा मोरया' के जयकारे गूंज रहे हैं. लंबी-लंबी कतारों में लगे भक्त सिर्फ एक झलक पाने को बेताब हैं.
500 साल पुरानी प्रतिमा, पन्ना जड़ित मुकुट से श्रृंगार
मोती डूंगरी मंदिर की महिमा निराली है. यहां स्थापित गणेश जी की प्रतिमा करीब 500 साल से भी ज्यादा पुरानी मानी जाती है. कहा जाता है कि इस प्रतिमा को स्वयं सवाई माधोसिंह प्रथम के शासनकाल में लाया गया था. गणेश चतुर्थी के मौके पर इस प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया है. आज भगवान को स्वर्ण मुकुट और पन्ना जड़ित मुकुट पहनाया गया है, जिससे उनकी आभा और भी दिव्य लग रही है. सुबह से ही मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है. भगवान गणेश को उनके प्रिय मोदक, लड्डू और गुड़धानी का भोग लगाया जा रहा है. पंडालों में भजन और कीर्तन चल रहे हैं. गणेश पूजन का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11:11 बजे से दोपहर 1:45 बजे तक है, जिसके लिए भक्तों की कतार और भी लंबी होती जा रही है.
500 साल पुरानी प्रतिमा, स्वर्ण मुकुट और पन्ना जड़ित श्रृंगार: जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में विशेष पूजा
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सुरक्षा के हाईटेक इंतजाम: AI कैमरे की निगरानी
इस बार भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया जा रहा है. मंदिर में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) कैमरों से निगरानी रखी जा रही है. 4 AI कैमरे और कई मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. इसके अलावा, भक्तों की सुविधा का भी खास ख्याल रखा गया है. दर्शनों के लिए प्रवेश और निकासी (Entry & Exit) के लिए 6-6 अलग लाइनें बनाई गई हैं, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था की गई है, उनके लिए 100 विशेष रिक्शों का इंतजाम किया गया है, ताकि उन्हें आसानी से दर्शन हो सकें.
जयपुर का दिल है मोती डूंगरी
मोती डूंगरी गणेश मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि जयपुर की पहचान है. यह मंदिर जयपुर के लोगों के लिए एक भावनात्मक केंद्र है. कोई भी शुभ काम हो, चाहे शादी हो, नया वाहन लेना हो या कोई परीक्षा हो, जयपुरवासी सबसे पहले यहीं आकर भगवान गणेश से आशीर्वाद लेते हैं. इस मंदिर को जयपुर का ‘राजा' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां विराजने वाले गणेश जी को जयपुर के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है. गणेश चतुर्थी का यह पर्व पूरे 10 दिनों तक चलेगा और इन 10 दिनों में जयपुर में हर जगह उत्सव का माहौल रहेगा. हर गली-मोहल्ले में गणेश जी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और जगह-जगह धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. लेकिन, इस पूरे उत्सव का केंद्र मोती डूंगरी गणेश मंदिर ही रहेगा.
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