Rajasthan: श्री गंगानगर में हाई-वोल्टेज ड्रामा, पानी की टंकी पर चढ़ी जनता, रातों-रात नपे BDO

Rajasthan news: श्रीगंगानगर में करीब एक महीने से विकास अधिकारी (BDO) विनोद कुमार रैगर हटाने का मामला कल रात मंगलवार को हाईवोल्टेज ड्रामे के साथ देर को रात खत्म हो गया.

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टंकी पर चढ़े ग्रामीण
NDTV

Ganganagar News: राजस्थान के श्रीगंगानगर में करीब एक महीने से विकास अधिकारी (BDO) विनोद कुमार रैगर हटाने का मामला कल रात मंगलवार को हाईवोल्टेज ड्रामे के साथ देर को रात खत्म हो गया. सरपंचों और ग्रामीणों के भारी विरोध और पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन करने के दबाव के चलते प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए विकास अधिकारी (BDO) विनोद कुमार रैगर को एपीओ (APO) कर दिया है. दरअसल BDO को निलंबित करने की मांग काफी दिनों से चल रही थी.

देर रात जारी हुआ आदेश

 विवाद के तूल पकड़ने के बाद पंचायती राज विभाग के उपायुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव राम नारायण बड़गुजर ने रात करीब 10 बजे आधिकारिक आदेश जारी किए.आदेशों के मुताबिक, बीडीओ का आगामी आदेशों तक मुख्यालय जयपुर रहेगा. 

आदेश के बाद भी एक घंटे तक नहीं उतरे सरपंच

 बीडीओ पर कार्रवाई की खबर मिलते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और मौके पर ढोल बजाकर जश्न मनाया गया. हालांकि, टंकी पर चढ़े छह सरपंच और तीन गांववाले नीचे न आने की बात पर अड़े रहे. लगातार एक घंटे की समझाइश और पूर्व MLA पवन दुग्गल और उनके दूसरे सरपंच साथियों के साथ आने के बाद वह रात करीब 11:30 बजे नीचे उतरे आए. जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली.

इन्हें उतारने के लिए लगातार डीएसपी प्रशांत कौशिक, तहसीलदार दिव्या चावला, एसएचओ ईश्वर जांगिड़ और जलदाय विभाग के एईन गौरव कंबोज सभी से समझाइस कर रहे थे.

बुधवार को बनेगी आगे की रणनीति

इसके बाद  पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण बीडीओ पर कार्रवाई में अनावश्यक देरी हुई. दुग्गल ने कहा कि जब यह मामला सीधे सरकार के संज्ञान में आया, तो उन्होंने गंभीरता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई की. इसके साथ उन्होंने जानकारी दी कि बुधवार को धरना स्थल पर बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी.

BDO पर गांववालो ने लगाए थे चरित्रहीनता और भ्रष्टाचार के आरोप 

बता दें कि अनूपगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी विनोद कुमार रैगर को निलंबित करने की मांग करीब एक महीने से चल रही थी. सरपंचों ने विकास अधिकारी पर चरित्रहीनता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण वह लगातार उन्हें हटाने की मांग पर धरने पर बैठे हुए थे. 

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