कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती प्रक्रिया में करने वाले है बड़ा बदलाव, OMR शीट से लेकर मैरिट लिस्ट तक होगी नई व्यवस्था

बोर्ड के चेयरमैन मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि हमने विद्यार्थियों को ओएमआर शीट दिखाने का फैसला किया है. ताकि उन्हें पता चल जाए कि उन्हें किस आधार पर अंक मिले हैं.

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Rajasthan Recruitment: राजस्थान में होने वाली भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों से परेशान युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली है. अब कैंडिडेट अपनी ओएमआर (OMR) शीट भी देख पाएंगे. कर्मचारी चयन बोर्ड जल्द ही यह व्यवस्था करने वाला है. अक्सर कई कैंडिडेट यह आरोप लगाते थे कि उनकी ओएमआर शीट बदल दी गई और उन्हें कम अंक दिए गए. इसे देखते हुए बोर्ड नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है. ताकि विश्वसनीयता और पारदर्शिता बढ़े.

उम्मीदवार देख सकेंगे OMR शीट

बोर्ड के चेयरमैन मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि हमने विद्यार्थियों को ओएमआर शीट दिखाने का फैसला किया है. ताकि उन्हें पता चल जाए कि उन्हें किस आधार पर अंक मिले हैं. कई बार यह आरोप लगाए जाते थे कि ओएमआर शीट बदल दी गई. अब पारदर्शिता रहेगी. अब तक तकनीकी वजहों से हम इसे लागू नहीं कर पाए थे लेकिन अब हम इसे दिखाएंगे. इसी महीने से इसकी शुरुआत हो सकती है.

मेरिट लिस्ट और रैंक किया जाएगा जारी

इसके साथ ही प्रत्येक परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी करने का फैसला किया है. छोटी परीक्षाओं में सभी विद्यार्थियों की रैंकिंग जारी की जाएगी. ताकि सभी लोगों उनकी रैंकिंग पता रहे. इससे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर किसी अभ्यर्थी से ठगी नहीं होगी. अगर किसी भर्ती परीक्षा में लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं तो बोर्ड भर्ती पदों के संख्या का 10 से 20 गुणा विद्यार्थियों की मेरिट लिस्ट जारी करेगा. 

फॉर्म भर कर परीक्षा न देने वालों पर भी होगी कार्रवाई

पिछले कई परीक्षा में कैंडिडेट की घटती उपस्थिति को देखकर बोर्ड परीक्षा न देने वाले विद्यार्थियों पर कार्रवाई का विचार कर रहा है. चेयरमैन आलोक राज ने बताया कि बहुत से अभ्यर्थी अनुपस्थित रहते हैं. आरपीएससी की परीक्षाओं में 9 फीसदी, 10 फीसदी उपस्थिति रही है. हम एक अभ्यर्थी के ऊपर 400 से 600 रुपए खर्च करते हैं. आरपीएससी के हजार रुपए खर्च होते हैं.

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कई बार ऐसे कारण हो सकते हैं कि किसी वजह से कोई विद्यार्थी किसी मजबूरी में नहीं आ पाया लेकिन अगर लगातार ऐसा हो रहा है तो उस पर एक्शन लेना चाहिए. यह जुर्माना हो सकता है. और डिबार करने तक का फैसला किया जा सकता है. हालांकि इस पर फैसला सरकार को करना है. सरकार के आदेश के बाद हम इसे लागू कर देंगे.

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