करोड़पति निकला राजकॉम्प का GM: प्रॉपटी छिपाने के लिए नकली आधार कार्ड बनवाया, पत्नी-बच्चे के खाते से करता था खर्च

Chhatrapal Singh: राजकॉम्प के जेनरल मैनेजर छत्रपाल सिंह ने बचने के लिए अपनी पत्नियों और बच्चे के खाते से रुपए खर्च करता था. छत्रपाल ने दो शादियां की थी. छत्रपाल ने अपनी पहली पत्नी मोहिनी राठौड़ के खाते में 9 लाख 34 हजार 212 रुपए जमा कराए और इसे खर्च किया. वहीं दूसरी पत्नी अंजू शर्मा के खाते में उसने 4 लाख 54 हजार 500 रुपए जमा कराए और उसे खर्च किया.

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ACB Action On Chhatrapal Singh: एसीबी के ट्रैप के फंसे राजकॉम्प के जेनरल मैनेजर छत्रपाल सिंह से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. छत्रपाल सिंह महंगी गाड़ियों, रोड ट्रिप का शौकीन था. एसीबी को अपनी जांच में पता चला है छत्रपाल ने अपनी आय के मुकाबले करीब दुगनी संपत्ति अर्जित की थी. छत्रपाल 1997 में सरकारी सेवा में आया था. तब उसके पास कोई संपत्ति नहीं थी. सेवा में आने के बाद से अब तक छत्रपाल 5 करोड़ 19 लाख 84 हजार 838 रुपए खर्च कर चुका है.

जबकि इस दौरान उसकी कुल आय सिर्फ 2 करोड़ 80 लाख 5 हजार 304 रुपए ही है. उसकी संपत्ति और खर्च कुल आय का 185 फीसदी है. हालांकि अभी एसीबी की जांच जारी है. इसलिए और अधिक संपत्ति का पता चल सकता है.

पत्नियों और बच्चे के खाते से खर्च करता था राशि

छत्रपाल बचने के लिए अपनी पत्नियों एवं बच्चे के खाते से रुपए खर्च करता था. छत्रपाल ने दो शादियां की थी. छत्रपाल ने अपनी पहली पत्नी मोहिनी राठौड़ के खाते में 9 लाख 34 हजार 212 रुपए जमा कराए और इसे खर्च किया. वहीं पहली पत्नी अंजू शर्मा के खाते में उसने 4 लाख 54 हजार 500 रुपए जमा कराए और उसे खर्च किया. इतना ही नहीं बल्कि अपने बेटे हर्षवर्धन के खाते में 1 लाख 96 हजार 550 रुपए जमा करा कर खर्च किए. इस तरह उसने पत्नी और बच्चे के खाते में 15 लाख से अधिक की राशि जमा कर खर्च की ताकि  वह बचा रहे. लेकिन जांच में सारी पोल खुल गई.

पता बदल कर, फर्जी आधार कार्ड के जरिए खरीदी 25 लाख की BMW बाइक 

छत्रपाल ने 2020 में 25 लाख की बीएमडब्ल्यू आर 1250 जीएस एडवेंचर खरीदी. यह बाइक उसने हिमाचल प्रदेश से खरीदी. उसने तब अपना पता दमतल, तहसील कांगडा, हिमाचल प्रदेश बताया है. उसने हिमाचल के नूरपुर जिले में जो आधार कार्ड वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए दिया, वह फर्जी है. उसका असली आधार कार्ड नंबर 86458750xxxx है लेकिन उसने अपना आधार नंबर 96478458xxxx बताया. वह अपनी संपत्ति छिपाने के लिए ऐसा करना चाहता था. अब एसीबी की टीम हिमाचल प्रदेश को इस मामले की जांच के लिए लिख रही है. 

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महंगी गाड़ियों और रोड ट्रिप का शौकीन छत्रपाल

छत्रपाल को महंगी गाड़ियों का शौक था. छत्रपाल अक्सर ग्रुप में रोड ट्रिप पर जाता था और उसकी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड भी करता था. हालांकि अब उसका इंस्टाग्राम हैंडल बंद कर दिया गया है. इंस्टाग्राम पर उसकी 25 लाख की बाइक बीएमडब्ल्यू आर 1250 जीएस के अलावा होंडा गोल्ड विंग के साथ तस्वीर है. होंडा गोल्डविंग की कीमत करीब 40 लाख रुपए है.

रोड ट्रिप पर उसके साथ अक्सर जाने वाले एक साथी ने chinu_pathak नाम के हैंडल से 2018 में इंस्टाग्राम पर लिखा है, "Witnessed India's first Honda Goldwing delivery." अपने इस पोस्ट में उस यूजर ने छत्रपाल को बधाई भी दी है. छत्रपाल की इस बाइक के साथ कई तस्वीरें हैं. हालांकि अब तक के विवरण में इस बाइक से जुड़ी जानकारी एसीबी ने नहीं दी है. छापेमारी के दौरान छत्रपाल के घर से डिफेंडर, पोर्श जैसी महंगी लग्जरी गाड़ियों के साथ स्कॉर्पियो और थार भी बरामद हुआ था.

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करोड़ों के फ्लैट, पत्नी - मां के नाम पर ली संपत्ति, सिर्फ इंटीरियर पर खर्चे 33 लाख

छत्रपाल ने अपने परिजनों के नाम से संपत्ति इकट्ठा की. छत्रपाल ने महादेव नगर सोडाला में अपनी मां के नाम से 2006 में प्लॉट लिया और मकान बनाया. इस पर उसने 78 लाख 51 हजार 696 रुपए खर्च किए. अजमेर रोड स्थित अपार्टमेंट में अपने नाम पर 87 लाख 74 हजार का फ्लैट लिया. इसी अपार्टमेंट में अपनी दूसरी पत्नी अंजू शर्मा ने नाम पर 1 करोड़ 39 लाख 54 हजार में दो फ्लैट लिए. पहली पत्नी के नाम पर 19 लाख रुपए की थार खरीदी.दूसरी पत्नी अंजू शर्मा के एनजीओ हैप्पी हार्ट फाउंडेशन के बैंक खाते में 5 लाख 80 हजार 749 रुपए मिले हैं. 

पत्नियों की आय से अधिक संपत्ति

पत्नियों ने अपनी आय जो बताई है, उससे अधिक संपत्ति उनके पास मिली है. मोहिनी ने अपनी आय 2017- 18 में 2 लाख 34 हजार बताई थी वहीं दूसरी पत्नी अंजू ने 11 लाख 94 हजार बताई है. अंजू एनजीओ चलाती थी. हैप्पी हार्ट फाउंडेशन के नाम से चलाए जा रहे एनजीओ में तनाव मुक्ति, खुश रहने के उपाय बताए जाते थे. एसीबी को अंजू की डिग्री पर भी संदेह है. इस पर जांच की जा रही है. एसीबी एनजीओ के लेनदेन की जांच की जा रही है.

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साले के खाते में भिजवाए लाखों रूपये, वह भी रडार पर

आरोपी ने अपनी दूसरी पत्नी अंजू शर्मा ने अपने भाई उत्तम शर्मा के खाते में लाखों रुपए भेजे हैं. उमेश एक लॉ फर्म में हिस्सेदार है. उसने अपनी आय 12 लाख 44 हजार बताई है लेकिन अभी वह भी लाखों के आलीशान फ्लैट में रह रहा है. एसीबी को लगता है कि उसके ठिकानों पर सर्च अभियान से छत्रपाल की और संपत्ति का पता चल सकता है. 

संदिग्ध लेन - देन पर एसीबी की नजर

अपनी जांच में एसीबी को अंजू शर्मा के खाते में एक संदिग्ध लेन देन दिखा. अंजू शर्मा के खाते में गाजियाबाद निवासी सचिंद्र गर्ग ने पिछले साल फरवरी में 18 लाख, मार्च में 10 लाख रुपए जमा कराए थे. इसी खाते में गाजियाबाद निवासी साक्षी कंसल ने भी 12 लाख रुपए जमा कराए थे. इस तरह से  उस खाते में कुल 40 लाख रुपए जमा कराए गए लेकिन यह रकम वापस लौटाने का कोई रिकॉर्ड एसीबी को नहीं मिला है. एसीबी को संदेह है कि इस अवैध लेनदेन के जरिए संपत्ति इकट्ठा की गई है. इसके अलावा उसके स्पा सेंटर के लेनदेन पर भी एसीबी की नजर है.

दिखावे का शौकीन था छत्रपाल, इंटीरियर पर लाखों खर्चे

छत्रपाल ने फ्लैट और एनजीओ के दफ्तर के इंटीरियर डिजाइनिंग पर 33 लाख रुपए खर्च किए. उसने अपनी दूसरी शादी में भी लाखों खर्च किए थे. नौकरी में आने से पहले वह सामान्य जीवन जीता था लेकिन इसके बाद उसका राजसी रहन सहन हो गया. उसने कई विदेश यात्राएं भी की हैं. बेटे को भी महंगे स्कूल में पढ़ा रहा है.

इसमें लाखों फीस भरी है. एसीबी अब इन सभी की विस्तृत जांच कर रही है. एसीबी ने इस मामले में छत्रपाल सिंह के साथ उसकी दोनों पत्नियों मोहिनी और अंजू, साले उमेश शर्मा, गाजियाबाद निवासी सचिंद्र और साक्षी कंसल को भी आरोपी बनाया है.

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