स्कूल बंद के दौरान ऑनलाइन क्लास में छात्र ने चला दिया अश्लील वीडियो, जानें फिर क्या हुआ

जोधपुर के एक नामचीन स्कूल में 4 स्टूडेंट द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के दौरान पॉर्न वीडियो चला दिया. इसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया और स्कूल प्रशासन ने चार बच्चों को स्कूल से निलंबित कर दिया.

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प्रतीकात्मक चित्र

Obscene Video in Online Class: तकनीकी ने जहां जीवन को आसान बनाया है वहीं कुछ चुनौतियों को भी पैदा किया है. ऑनलाइन टीचिंग के दौरान अश्लील वीडियो चलने के कई मामले सामने आए हैं, ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर का है. जहां जोधपुर के एक नामचीन स्कूल में 4 स्टूडेंट द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के दौरान पॉर्न वीडियो चला दिया. इसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया और स्कूल प्रशासन ने चार बच्चों को स्कूल से निलंबित कर दिया.

यह सिलसिला 10 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक चला. जिसमें आठवीं क्लास में पढ़ने वाले चार स्टूडेंट ने यह सारा कारनामा किया. यहां तक की इन छात्रों ने चार महिला टीचरों को भी फेक आईडी से अश्लील मैसेज भेज दिए. दरअसल बदलते समय के साथ स्कूलों द्वारा बच्चों को छुट्टियों के समय ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाती है और उसी कड़ी में जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चों ने पॉर्न वीडियो चला दिए.

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इतना ही नहीं जिस लिंक के जरिए क्लास ली जा रही थी. उसे भी टेलीग्राम के एक पॉर्न चैनल पर भी शेयर कर दिया. इस ऑनलाइन क्लास से करीब 100 स्टूडेंट लड़के और लड़कियां जुड़ी हुई थी.

ऑनलाइन क्लास के दौरान पॉर्न वीडियो चलने की घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर जब इसकी जांच की तो प्रशासन ने पाया कि आठवीं क्लास में पढ़ने वाले चार स्टूडेंट ने यह सारा कारनामा किया.

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इन स्टूडेंट ने फेक आईडी बनाकर चार महिला टीचर्स को भी अश्लील मैसेज भेजें. मंगलवार को इन बच्चों को परिजनों के साथ बुलाकर काउंसलिंग की गई और बाद में स्कूल से इन्हें स्कूल नियमों के अंतर्गत सस्पेंड कर दिया गया है इन सभी बच्चों की उम्र 14 से 16 साल है 

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स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि बढ़ती सर्दी के असर को देखते हुए जिला कलेक्टर ने 6 जनवरी से 13 जनवरी तक स्कूल में अवकाश घोषित किया था. इसके बाद स्कूल मैनेजमेंट ने आठवीं क्लास की 8 जनवरी से ऑनलाइन क्लास शुरू की थी. इसमें साइंस, मैथ्स, एएसटी और इंग्लिश पढ़ाया जा रहा था और 10 जनवरी को ऑनलाइन क्लास के दौरान अचानक ही पोर्न वीडियो चलने लगा.

उसके कुछ देर बाद अश्लील मैसेज आने शुरू हो गए थे. शुरुआत में टीचर ने इस तरह के मैसेज को इग्नोर किया, लेकिन बाद में इस तरह के मैसेज बढ़ने लगे. धीरे-धीरे करके दूसरे विषयों की पढ़ाई के दौरान भी इस तरह के मैसेज आते रहे. 10 जनवरी के बाद लगातार 14 जनवरी तक पोर्न वीडियो, मैसेज और अश्लील कमेंट का सिलसिला चलता रहा और लगातार अलग-अलग आईडी से आये कमेंट से स्कूल मैनेजमेंट भी परेशान हो गया.

10 जनवरी की घटना के बाद स्कूल मैनेजमेंट ने गूगल मीट की जगह जूम पर क्लासेस शुरू की. यहां पर भी अश्लील कमेंट आने शुरू हो गए  अनजान लोगों के कमेंट से स्कूल प्रशासन को शक हुआ, कि इसमें इस क्लास से जुड़े हुए कुछ छात्र हो सकते हैं. इस पर संदिग्ध चार से पांच बच्चों के पेरेंट्स को कॉल कर उनके मोबाइल स्विच ऑफ करवाने के लिए कहा गया. बाद में स्कूल मैनेजमेंट ने उनके पेरेंट्स को मोबाइल के साथ स्कूल बुलाया और मोबाइल ऑन कर जांच की तो पता चला कि आठवीं क्लास में पढ़ने वाले चार स्टूडेंट्स ने इस तरह का ग्रुप बना रखा था.

जांच में यह आया कि ऑनलाइन क्लास का लिंक इन्होंने ही 10 जनवरी को टेलीग्राम के एक पोर्न चैनल पर शेयर कर दिया था. इसके बाद इस चैनल में जुड़े लोग अश्लील वीडियो शेयर करने लगे और कॉमेंट्स करने लगे.

स्कूल प्रशासन द्वारा जांच करने के बाद चार स्टूडेंट्स को स्कूल नियमों के अंतर्गत निष्कासित किया है वही पैरेंट्स भी अपने बच्चों के द्वारा किए गए कृत्य को लेकर स्कूल प्रशासन के सामने शर्मिंदा हुए.

वहीं स्कूल प्रिंसिपल ने अभिभावकों से अपील की, कि वह अपने बच्चों को जब मोबाइल दे तो उसे पर पूरी नजर बनाकर रखें. साथ ही अपने बच्चों के बारे में भी पूरी जानकारी रखें. कि वह किन-किन बच्चों की संगत में रहता है और कहां-कहां जाता है. क्योंकि यह उम्र बच्चों की दिशा और दशा दोनों तय करता है ऐसे में परिवार वालों को भी बच्चों पर नजर रखनी चाहिए.

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