Rajasthan Drone Rain: राजस्थान में कृत्रिम बारिश कराने के लिए ड्रोन और AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. 1 सितंबर को एक्सेल-1 कंपनी ने हाइड्रोट्रेस प्लेटफॉर्म और मेक इन इंडिया ड्रोन की मदद से ड्रोन बारिश के टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. हालांकि इसके पहले कई बार का प्रयास बेकार साबित हुआ था. लेकिन 1 सितंबर को दावा किया गया था कि रामगढ़ बांध के पास क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश करवाई गई, जिसमें 0.8MM बारिश दर्ज की गई. वहीं इस सफलता को मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मील का पत्थर बताया था. लेकिन अब इस पर सियासत शुरू हो गई है और विपक्ष ने इसे लेकर घोटाले की आशंका जाहिर की है.
हाल ही में कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया था कि कृत्रिम बारिश के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जिसके बाद कहा कि यह पैसा कहां से आया, कैसे खर्च हो रहा है? यह सोचने वाली बात है. वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता खाचरियावास ने रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश पर सवाल उठाये हैं और घोटाले की आशंका जाहिर की है.
राजस्थान में 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ बारिश
खाचरियावास ने कहा कि रामगढ़ को भरने के लिए सरकार का कृत्रिम बारिश करवाने का प्लान मजाक बनकर रह गया है. खाचरियावास ने कहा कि सरकार का यह दावा करना कि ड्रोन उड़ाकर सरकार ने 0.8 मिलीमीटर कृत्रिम बारिश करवा दी यह पूरी तरह से झूठ और तथ्यों के बिल्कुल विपरीत है. उन्होंने कहा कि जो ड्रोन उड़ाए गए वह खिलौना बनकर रह गए. छोटे-छोटे ड्रोन नीचे गिर गए. गांव के लोग मजाक उड़ा रहे हैं. खाचरियावास ने कहा कि लोगों में चर्चा है कि किसी प्राइवेट कंपनी के जरिए सरकार ने एक और घोटाला करके प्रदेश की जनता के साथ बड़ा मजाक किया है.... क्योंकि जब भगवान 50 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़कर बहुत ज्यादा बारिश कर रहा है. तब ड्रोन से बारिश करने का दावा करने वाली राज्य सरकार और कंपनी के काम पर सवाल उठ रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं यह किसका आइडिया था? सरकार में कौन लोग इस आईडिया से बरसात करना चाहते थे? इसके पीछे मकसद क्या था?
हो सकता है धोखा और घोटाला
खाचरियावास ने कहा कि जब भगवान का ड्रोन इतनी बारिश कर रहा है कि सारे बांध भर गए, सारे रिकॉर्ड टूट गए. तब ऐसे में ड्रोन उड़ाना और ड्रोन का फेल हो जाना यह सरकार का फेलियर है. पूर्व मन्त्री ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए. खाचरियावास ने कहा कि इसमें भी कोई षड्यंत्र, धोखा और घोटाला हो सकता है, इसलिए लोगों के सामने सच्चाई आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस दिन ड्रोन उड़ाए गए तब लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. कृत्रिम बारिश देखने के लिए लोगों को हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. कई लोगों को चोट आ गई. ऐसे में राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि जब कृत्रिम बारिश हुई नहीं ड्रोन नीचे गिर गए. तो उसके बाद यह झूठे दावे करने वाले लोग कौन हैं और इस इस नाटक के लिए जिम्मेदार कौन है?
यह भी पढ़ेंः SI भर्ती रद्द होने पर युवाओं का छलका दर्द, बोले- लगी नौकरी छोड़ा... अब बन गया धोबी का कुत्ता