राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों ने आज निगम और बस डिपो के अधिकारियों की मनमर्जी और तानाशाही के खिलाफ सीकर बसडिपो परिसर में जमकर धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार और निगम के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के बाद रोडवेज कर्मचारी यूनियन सीटू के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी लंबित मांगों का ज्ञापन आगार प्रबंधक मुंकेश कुमारी को सौंपा. रोडवेज कर्मचारियों के सांकेतिक धरना प्रदर्शन के दौरान रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.
'ना तो समय पर वेतन, पेंशन व भत्ते दिए जा रहे'
कर्मचारी यूनियन ने संबोधित करते हुए कहा, निगम व प्रसासन के अधिकारी रोडवेज कर्मचारियों का लगातार शोषण कर रहे हैं. सरकार व विभाग की उदासीनता के चलते कर्मचारियों को ना तो समय पर वेतन, पेंशन व भत्ते दिए जा रहे और ना ही नई बसों की खरीद हो रही है. पिछले लंबे समय से रोडवेज में कर्मचारियों की नई भर्ती तक नहीं की जा रही जिसके चलते कर्मचारियों को लगातार कई कई घंटे तक ड्यूटी देनी पड़ रही है.
सीनियरिटी के हिसाब से लगे स्टाफ की ड्यूटी
राजस्थान रोडवेज यूनियन वर्क्स सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव सिंह टाकरिया ने कहा कि राजस्थान रोडवेज निगम और प्रशासन की मनमर्जी और तानाशाही के चलते लंबे समय से रोडवेज कर्मचारियों में आक्रोश बना हुआ है. जिसके चलते ही आज सीकर रोडवेज बस डिपो परिसर में कर्मचारियों की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव सिंह ने कर्मचारियों की मांगों पर बोलते हुए कहा, यूनियन की मांग है कि रोडवेज डिपो में सीनियरिटी के हिसाब से स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए. कर्मचारियों के पदों के अनुसार ही उनसे कार्य करवाया जाए.
'निगम की ओर से नई बसों की खरीद की जाए'
मेडिकल के नाम पर 3 महीने के लिए बैठाए गए कर्मचारी पिछले तीन-तीन साल से बैठे हैं. उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाए जिससे जनता को रोडवेज की सुविधाओं का लाभ मिल सके. रोडवेज कर्मचारियों को समय पर वेतन, भत्ते व पेंशन दी जाए. निगम की ओर से नई बसों की खरीद की जाए. जिससे आमजन को रोडवेज सुविधाओं का लाभ मिल सके. राजस्थान रोडवेज निगम में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए नई भर्ती शुरू की जाए. पिछले लंबे समय से कई चालक व परिचालक लगातार 12-12 घंटे लगातार ड्यटी कर रहे है उन्हें अवकाश तक नहीं मिल रहा. उन्होंने प्रशासन व निगम पर मनमर्जी व तानाशाही का आरोप लगाते हुए जल्द मांगे नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है.