राम भक्तिः 10 साल का बच्चा स्केटिंग करते हुए जा रहा अयोध्या, 7 दिन में तय करेगा 704 किमी की यात्रा

राजस्थान के कोटपूतली का एक दस का बच्चा (हिमांशु सैनी) स्केटिंग करते हुए अयोध्या जा रहा है. उसके साथ कार मेंं पिता और भाई भी पीछे-पीछे चल रहे हैं.

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स्केटिंग करते हुए अयोध्या जाता हिंमाशु सैनीय

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जोरो पर हैं. देश के कोने-कोने से लोग रामनगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसे में राजस्थान के कोटपूतली का एक दस का बच्चा (हिमांशु सैनी) स्केटिंग करते हुए अयोध्या जा रहा है. हिमांशु ने बताया, एक दिन मैं यूट्यूब पर वीडियो देख रहा था. अयोध्या में भगवान राम के उत्सव में शामिल होने लोग पैदल जा रहे थे, तब मैंने स्केटिंग करके अयोध्या तक जाने का फैसला किया.

अयोध्या तक स्केटिंग करते जाएगा हिमांशु

हिमांशु के पापा और भाई भी उसके साथ ही जा रहे हैं लेकिन वे कार से पीछे-पीछे चल रहे हैं. हिमांशु ने बताया अयोध्या तक की पूरी दूरी 704 किलोमीटर है और वह पूरे रास्ते स्केटिंग करते हुए जाएगा. हिमांशु का कहना है कि अयोध्या तक का सफर पूरा करने के लिए श्रीराम की कृपा साथ है.

पिता की इच्छा से शुरू की यात्रा

हिमांशु ने कहा, अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव है. इस उत्सव को लेकर देशभर में चर्चा है. वह भी इस उत्सव का गवाह बनने जा रहा है. हिमांशु ने अपने पिता अशोक सैनी के सामने इच्छा जाहिर की और हिमांशु स्केटिंग शूज पहनकर यात्रा पर निकल पड़ा और उसने रात्रि में अलवर में विश्राम किया और मंगलवार को यात्रा हिमांशु ने अलवर से शुरू की. 

कार में साथ चल रहे हैं पिता और भाई

पूरे शहर में हिमांशु का स्वागत किया गया, लोगों ने यात्रा की शुभकामनाएं दीं और जय श्रीराम के नारे के साथ विदा किया. हिमांशु के साथ-साथ कार में उसके पिता अशोक सैनी व भाई चल रहे हैं. कार में दवाएं, गर्म कपड़े और जरूरी सामान हैं. यात्रा के दौरान रात में विश्राम रहेगा और दिनभर हिमांशु स्केटिंग कर अयोध्या के रास्ते पर बढ़ेगा.

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16 तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद

हिमांशु ने कहा- 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. जो लोग अयोध्या नहीं जा रहे हैं, उनसे अपील है कि अपने घर पर रहकर ही 22 जनवरी को 5 दीपक जरूर जलाएं. मेरा टूर 8-9 दिन में पूरा हो जाएगा. मैं 16 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाऊंगा. रास्ते में होने वाला खर्च मेरे पिता ही उठा रहे हैं. 

बिजली फिटिंग का कार्य करते हैं पिता

हिमांशु कक्षा दस का छात्र है और उसके पिता अशोक सैनी कोटपूतली में बिजली फिटिंग का काम करते हैं. मां कृष्णा देवी गृहिणी हैं, हिमांशु ने एक साल में ही स्केटिंग सीखी है. स्केटिंग करते हुए हिमांशु एक हाथ में भगवा ध्वजा लेकर चल रहा है.

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