हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री विवाद जारी, 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत का ऐलान

17 दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत को लेकर एक बार फिर माहौल तनावपूर्ण होता नजर आ रहा है. किसानों ने गांव-गांव जनसंपर्क तेज कर दिया है और दावा किया है कि इस महापंचायत में राकेश टिकैत सहित कई बड़े किसान नेता और विभिन्न किसान संगठन शामिल होंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Hanumangarh: हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर तेज हो गया है. जिला प्रशासन और किसान नेताओं के बीच हुई वार्ता के बावजूद किसान आंदोलन स्थगित करने को तैयार नहीं हैं. किसानों ने प्रशासन के साथ हुई बातचीत को “खाना-पूर्ति” बताते हुए 17 दिसंबर को हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने का ऐलान किया है.

राठीखेड़ा में एथेनॉल फैक्ट्री स्थापना के विरोध में किसान पिछले करीब डेढ़ साल से आंदोलन कर रहे हैं. 10 दिसंबर को टिब्बी में आयोजित महापंचायत के बाद किसान फैक्ट्री स्थल की ओर कूच कर गए थे, जहां हालात बेकाबू हो गए. इस दौरान फैक्ट्री परिसर में खड़े एक दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगा दी गई थी. घटना में 10 कारें, चार मोटरसाइकिलें, एक जेसीबी मशीन और एक पुलिस जीप जलकर नष्ट हो गई, जबकि दो जेसीबी सहित कई अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे.

17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर महापंचायत की घोषणा

घटना के बाद किसानों ने 17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर महापंचायत की घोषणा की थी. इसी कड़ी में शुक्रवार को किसान प्रतिनिधिमंडल की एडीजीपी वीके सिंह, आईजी बीकानेर रेंज हेमंत शर्मा, जिला कलेक्टर खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक हरिशंकर और विधायक गुरवीर बराड़ के साथ वार्ता हुई थी. वार्ता के दौरान जिला प्रशासन ने फैक्ट्री से जुड़े सभी मानकों की समीक्षा किए जाने तक निर्माण कार्य पर रोक लगाने की घोषणा की थी.

हालांकि किसानों का कहना है कि यह फैसला अस्थायी है और जब तक फैक्ट्री निर्माण को स्थायी रूप से बंद नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेताओं ने साफ शब्दों में कहा है कि प्रशासन की घोषणा से उनकी मुख्य मांग पूरी नहीं हुई है.

Advertisement

प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने क्या कहा ?

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि किसानों से सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है और सरकार अब भी संवाद के जरिए समाधान निकालने का प्रयास कर रही है. मंत्री ने यह भी कहा कि जब भी विकास कार्य होते हैं, तब विरोध होना स्वाभाविक है. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर कंपनी के साथ एमओयू पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुआ था, उस समय विपक्ष ने इसका विरोध क्यों नहीं किया.

पुलिस और प्रशासन भी सतर्क

इधर, 17 दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत को लेकर एक बार फिर माहौल तनावपूर्ण होता नजर आ रहा है. किसानों ने गांव-गांव जनसंपर्क तेज कर दिया है और दावा किया है कि इस महापंचायत में राकेश टिकैत सहित कई बड़े किसान नेता और विभिन्न किसान संगठन शामिल होंगे. वहीं, पुलिस और प्रशासन भी सतर्क हो गया है. 10 दिसंबर की घटना को देखते हुए प्रशासन इस बार किसी भी तरह की चूक नहीं चाहता और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें- डोटासरा का CM भजनलाल को डिबेट का चैलेंज, मंत्री खींवसर बोले- सीएम से डिबेट लायक नहीं