Chandra Grahan 2025: इस बार होली पर चंद्रग्रहण का साया, जानें इसका क्‍या पड़ेगा असर

Holi: वहीं, होलाष्टक भी 7 मार्च से शुरू हो चुका है और 13 मार्च को होलिका दहन के दिन समाप्त होगा. हिंदू धर्म में होलाष्टक को अच्छा समय नहीं माना जाता है.

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Holi 2025: इस बार 14 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी. जबकि होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा. वहीं, साल का पहला चंद्रग्रहण भी इसी दिन लगेगा. ग्रहण का समय सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 तक रहने वाला है. इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाएगी और पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेगी. इसी के चलते यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. खगोलशास्त्रियों के लिए भी यह दिन काफी महत्‍व रखता है. इस दृश्‍य के हर पल की गणना करने के साथ वे इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं. लेकिन होली के दिन ग्रहण का असर क्या रहेगा, इसे लेकर भी सवाल बरकरार है.

भारत में नहीं, बल्कि इन हिस्सों में दिखेगा ग्रहण

इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा. लेकिन भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि चंद्रग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होने वाला है. ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. 

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जानिए होलिका दहन का समय 

हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन की पूर्णिमा को होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. इस बार होलिका दहन की तारीख 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से आरंभ होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी. शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 13 मार्च की रात 11:26 बजे से शुरू होगा और 14 मार्च को रात 12:30 बजे तक रहेगा.

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7 मार्च से शुरू हो चुका है होलाष्टक, 13 तक रहेगा

वहीं, होलाष्टक भी 7 मार्च से शुरू हो चुका है और 13 मार्च को होलिका दहन के दिन समाप्त होगा. होली से पहले ग्रहों के उग्र रहने के कारण होलाष्टक लग जाता है. हिंदू धर्म में होलाष्टक को अच्छा समय नहीं माना जाता है. इस समय शुभ और मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन आदि करने की मनाही होती है.

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इन कार्यों को करने की होती है मनाही

  • होलाष्टक के समय विवाह नहीं होते हैं.
  • होलाष्टक के समय नामकरण, मुंडन, जनेऊ जैसे कार्य नहीं होते हैं.
  • होलाष्टक के समय गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार समेत सभी 16 संस्कारों पर रोक रहती है.
  • होलाष्टक की अवधि में नया मकान, संपत्ति, आभूषण और वाहन की खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
  • इस समय घर बनवाने का काम शुरू नहीं करना चाहिए.
  • होलाष्टक के आठ दिन हवन और यज्ञ पर भी रोक रहती है.
  • होलाष्टक के दौरान नई नौकरी जौइन करने या नौकरी बदलने से भी बचना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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