कल शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए टाइमिंग, सूतक काल सहित प्रभाव

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है, तो इसका शुभ और अशुभ दोनों ही तरह का प्रभाव सभी राशि के जातकों के ऊपर पड़ता है. 28 अक्टूबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 18 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Last Lunar Eclipse: बीते 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगा था और अब कुछ ही दिनों बाद शरद पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. जहां एक तरफ शारदीय नवरात्रि के पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था, वहां अब दशहरे के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. इसके अलावा साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा. इस तरह से अक्टूबर का महीन त्योहारों और ग्रहण के नजरिए से बहुत ही खास है.

ग्रहण का समय

ग्रहण प्रारम्भ :- मध्य रात्रि 01:05
ग्रहण मध्य :- मध्य रात्रि 01:44
ग्रहण समाप्त :- मध्य रात्रि 02:24
ग्रहण अवधि :- 01घण्टा 19 मिनट

Advertisement

भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

हिंदी पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी और मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा. यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा.

Advertisement

सूतक काल 9 घंटे पहले से शुरू होगा

चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. सूतक काल को अशुभ माना जाता है.

Advertisement

ज्योतिषीय प्रभाव

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा. आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी. इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है. शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है. चीन, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भय व भूकंप आदि की घटनाएं अधिक होने का भी अंदेशा रहेगा.

कब से कब तक देखा जा सकेगा चंद्रग्रहण

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार साल के इस आखिरी ग्रहण की शुरुआत शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि 01:05 मिनट से होगी जो मध्य रात्रि 02:24 मिनट पर खत्म हो जाएगा. शनिवार 28 अक्टूबर को को सूतक काल दोपहर4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा. 

अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा.

विशेष लाभकारी होगा इन राशि वालों के लिए

28 अक्टूबर 2023 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भारत और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में दिखाई देगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस ग्रहण का वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी प्रभाव पड़ेगा. इन राशि वालों के रुके हुए काम जल्द पूरे होंगे. मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा. अचानक से धन लाभ हो सकता है. कार्यक्षेत्र में उपलब्धियों की प्राप्ति होगी. नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में प्रमोशन और वेतनवृद्धि के योग बनेंगे. जो लोग बिजनेस करते हैं उन्हें कोई अच्छी डील मिल सकती है. पैतृक संपत्ति से लाभ की संभावना भी है. कानूनी मामलों में इन राशि के जातकों की जीत होगी.

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका

हालांकि, ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि इस ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं और हिंसा की आशंका है. अक्टूबर नवंबर माह में अग्निकांड, सड़क दुर्घटनाएं, भूकंप, प्राकृतिक आपदाएं हो सकती हैं. पूरे विश्व में ज्यादा हिंसा होगी और भारत के पश्चिमी हिस्से में हिंसा और अशांति होगी.

भारत के अलावा इन देशों में भी दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

भारत के अलावा, यह ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी दिखाई देगा. भारत में यह ग्रहण दिल्ली, गुवाहाटी, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, उदयपुर, उज्‍जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्‍नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी, अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्‍वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना समेत कई शहरों में नजर आएगा.

धार्मिक मान्यताएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ग्रहण के बाद दान-पुण्य,स्नान और अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
 

Topics mentioned in this article