Rajasthan Politics: 'कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का'...हरीश चौधरी ने विधानसभा में पढ़ी कविता, फिर हो गया हंगामा

हरीश चौधरी ने बजट के बारे में बात करते हुए कहा कि बजट में सिर्फ महलों और ठाकुरों के लिए घोषणाएं की गई हैं. गरीब, मजदूर और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं है.

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हरीश चौधरी के बयान के बाद विधानसभा में हंगामा हो गया

Rajasthan Assembly News: बजट सत्र के दौरान गुरुवार को बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' की कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए बजट पर तीखा व्यंग्य किया. इसके बाद सदन में हंगामा हो गया. बाड़मेर ज़िले की शिव सीट से विधायक रविंद्र भाटी ने हरीश चौधरी पर रिफाइनरी में घोटाला करने का आरोप लगाते हुए पूछा ' रिफाइनरी कौन खा गया?'. 

हरीश चौधरी ने कहा, ''बजट के अंदर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की क्या स्थिति है, यह हम लोग ही महसूस कर सकते हैं. इस बजट को पढ़ने के बाद ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता याद आती है. उन्होंने फिर यह कविता पढ़ी- "बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का...हल की मूठ पर हथेली अपनी..फ़सल ठाकुर की, कुआँ ठाकुर का, पानी ठाकुर का...खेत-खलिहान ठाकुर के...गली-मुहल्ले ठाकुर के....फिर अपना क्या?...गाँव..शहर?....देश?"

बीजेपी के विधायक अमृतलाल मीणा ने विधानसभा में हरीश चौधरी के बयान पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा ''मुझे खेद हुआ, बायतु से आने वाले हरीश चौधरी ने हमें ठाकुर कह कj संबोधित किया. ये रिफाइनरी खा गए, पूरा बाड़मेर खा गए. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. यह राजस्थान सहेगा नहीं ''

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निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी और हरीश चौधरी के बीच ज़ुबानी जंग नई नहीं है. दोनों ही बाड़मेर जिले से आते हैं और एक दुसरे के मुखर आलोचक है. हालिया लोकसभा चुनाव में भाटी ने बाड़मेर रिफाइनरी मामले में हरीश चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उसके बाद हरीश ने भाटी को चुनौती दी थी कि वो आकर इस मुद्दे पर खुली बहस करें, लेकिन भाटी वहां नहीं पहुंचे थे. 

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