Hanging Bridge: अधर में लटक गया राजस्थान के दूसरे हैंगिग ब्रिज का काम, 9 साल से चल रहे प्रोजेक्ट में आ गई बड़ी परेशानी

Rajasthan: यह ब्रिज माही-अनास ओर जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम और बांसवाड़ा (Banswara) जिले के आनंदपुरी के बीच बनाया जा रहा है.

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Hanging Bridge in Dungarpur: राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े हैंगिंग ब्रिज का काम बजट के अभाव में अटक गया है. इस ब्रिज का काम पिछले 9 वर्षों से चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ. फिलहाल राजस्थान के कोटा में चंबल नदी पर ही हैंगिग ब्रिज बना हुआ है. अब गुजरात से सटे डूंगरपुर में चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में भी ऐसी ही सौगात मिलने का इंतजार किया जा रहा है. इसे माही-अनास ओर जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम और बांसवाड़ा (Banswara) जिले के आनंदपुरी के बीच बनाया जा रहा है. पुल के बनने के बाद सागवाड़ा से लेकर गलियाकोट समेत 20 किमी की दूरी में कई कस्बे बांसवाड़ा के आनंदपुरी से जुड़ जाएंगे.

इस प्रोजेक्ट की लागत 125 करोड़ है. अब तक चौखली और आनंदपुरी के दोनों छोरों को मिलाकर 17 पिल्लर बनकर तैयार हो चुके हैं. विदेशी कंपनी के माध्यम से तारों का कार्य शुरू कर दिया हैं. साथ ही अब तक इस प्रोजेक्ट का 90 फीसदी से भी ज्यादा काम पूरा हो चुका है. बावजूद इसके लंबे समय से चल रहे काम चलते क्षेत्रवासियों का इंतजार बढ़ गया है.

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वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में प्रोजेक्ट को मिली थी मंजूरी

इस प्रोजेक्ट को पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में 2016 में स्वीकृति मिली थी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और राजस्थान सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से यह काम करवाया जा रहा है. ब्रिज की कुल लम्बाई 1.925 किमी है, जिसके लिए सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ और एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस काम के लिए 13 दिसंबर 2020 की डेडलाइन तय की गई थी. लेकिन पुल की डिजाइन में देरी और कोरोना के चलते ये काम रुक गया था और अब बजट की परेशानी भी शुरू हो गई है. 

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सफर होगा आसान, दूरियां होगी कम

पुल के बन जाने से चिखली से मानगढ़ की दूरी केवल 16 किलोमीटर ही रह जाएगी. जबकि वर्तमान में चिखली से सागवाड़ा, परतापुर होकर मानगढ़ जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों की सीमाओं का विभाजन करने वाली माही नदी पर डूंगरपुर जिले के चीखली और बांसवाड़ा जिले के डोकर के मध्य अनास नदी का संगम होता है. माही नदी पर ही गुजरात की सीमा पर कड़ाणा बांध का निर्माण हुआ है. कड़ाणा का बैकवॉटर आने से यह स्थान और अपस्ट्रीम डूब क्षेत्र में है.

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अधिकारी नहीं आए कैमरे के सामने, विधायक बोले सरकार से करेंगे बात

इस मामले में जब विभागीय अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया. वही, चौरासी विधायक अनिल कटारा ने कहा कि संगमेश्वर हैगिंग ब्रिज बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट है. इसके पूर्ण होने से लोगों को काफी राहत मिली है. बजट के अभाव में कार्य अटका पड़ा है, इस संबंध में सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी.

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