शिक्षा विभाग के दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश लेने पर रोक लगा दी गई है. ऐसा विधानसभा में बजट सत्र के चलते किया गया है. इसमें अलावा तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के पूर्व में स्वीकृत अवकाश भी रद्द कर दिए गए हैं. ब्लॉक लेवल से लेकर शिक्षा निदेशालय तक के सभी अधिकारियों को हर हाल में आफिस में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल इन दिनों राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है और इसके चलते कहीं से कोई भी सवाल आ सकता है. जिसका जवाब देने के लिए शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को पाबन्द किया गया है.
ग़ौरतलब है कि विधानसभा सत्र के चलते विधायक ब्लॉक लेवल से लेकर निदेशालय स्तर तक के सवाल पूछ लेते हैं, जिनका जवाब देने के लिए अधिकारियों को प्रतिबद्ध रहना पड़ता है. इसी के मद्देनजर अभी भी जब तक सत्र चलेगा, तब तक विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का तुरन्त जवाब देने के लिए शिक्षा विभाग के ऑफिस खुले रहेंगे.
निदेशालय लेवल पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए
कार्यालयों के अलावा जिला और निदेशालय लेवल पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं ताकि सवाल पूछते ही उसका जवाब तुरंत दिया जा सके. वैसे आमतौर पर ऑफिस के समय के बाद भी कन्ट्रोल रूम खुले रहते हैं. लेकिन इस बार खास तौर पर खुला रखने के निर्देश दिए गए हैं. अवकाश के मामले में किसी भी तरह की छूट नहीं है. अगर किसी अधिकारी ने पहले से अवकाश की स्वीकृति ले रखी है तो उसे भी निरस्त कर दिया गया है. इस तरह से अधिकारियों और कर्मचारियों को हर हाल में ऑफिस में मौजूद रहना पड़ेगा.
अध्यापकों पर नहीं लागू होगा आदेश
हालांकि यह आदेश सिर्फ शिक्षा विभाग के कार्यालयों में पोस्टेड अधिकारियों और कर्मचारियों पर ही लागू होंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने ये भी क्लियर किया है कि ये आदेश स्कूलों में कार्यरत टीचर्स के लिए नहीं है. स्कूलों में पोस्टेड अध्यापकों के अवकाश निरस्त नहीं किए जाएंगे.
शिक्षा विभाग में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार बोड़ा का कहना है कि विधानसभा में बजट सत्र के चलते विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश रद्द किए गए हैं ताकि विधायकों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों का त्वरित जवाब दिया जा सके. विधानसभा सत्र के चलने तक सभी के अवकाशों पर रोक लगा दी गई है.