Roadways Bus Rajasthan: हाल ही में राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (Rajasthan State Road Transport Corporation) की बसों को लेकर चर्चा हो रही थी. इसे लेकर डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा था कि आगामी 3 माह में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अधीन बसें अनुबन्ध पर लेने की प्रक्रिया पूर्ण किया जाना संभावित है. उन्होंने कहा कि अगले 6 माह में नई बसें क्रय कर इन्हें रोडवेज को उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाएगी. वहीं अब खबर सामने आई है कि डीडवाना जिले में 51 में से 24 रोडवेज बस बेकार हो चुकी है.
वहीं, डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने बुधवार (31 जनवरी) को सिंधी बस कैंप स्टैंड का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. जहां बैरवा ने बसों की हालत देखी जिसके बाद उन्होंने खराब सीटें बदलने और यात्री सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिये. वहीं, चालक, परिचालक यूनिफॉर्म में नहीं दिखने के बाद उन्होंने नारागी जताई.
डीडवाना रोडवेज बस के क्या हैं हालात
डीडवाना रोडवेज बेड़े में शामिल अधिकांश बसें खटारा होने लगी है. फिर भी जुगाड़ तकनीक के सहारे बसों को सड़को पर दौड़ाया जा रहा है. रोडवेज के डीडवाना डिपो में भी लगभग आधी बसें खटारा हो चुकी है. इसके बावजूद यह बसें सड़कों पर दौड़ रही है.
51 में से 24 बसें हैं बेकार
राजस्थान रोडवेज का डीडवाना आगार लगभग 19 साल पुराना है. डीडवाना डिपो के बेड़े में वर्तमान में 51 बसे हैं. जिनमें से लगभग 46 बसें लगातार सड़कों पर दौड़ रही है. इनमें से छह बसें पूरी तरह से खटारा हो चुकी है, तो वहीं 24 बसें भी खटारा होने के नियम और मापदंड पूरे कर चुकी है. इनमें से भी 19 बसें सड़को पर दौड़ रही है, क्योंकि रोडवेज प्रशासन के पास बसों की भारी कमी है. अगर नकारा स्थिति को देखते हुए बसों को बंद कर दिया जाए तो कई महत्वपूर्ण रूट और हाइवे पर परिवहन साधनों की कमी हो जाएगी और यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ेगा.
खटारा हो चुकी बसों की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है. पुरानी होने से बसों में तकनीकी खामियां होने लगती है, जिससे कभी बसों को धक्के लगाकर स्टार्ट करना पड़ता है, तो कई बार राह चलती बसों के पहिए थम जाते हैं. ऐसी स्थिति में यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इस बारे में डीडवाना डिपो के अधिकारियों का कहना है कि बसों की खटारा स्थिति को देते हुए डिपो प्रबंधन द्वारा रोडवेज निगम से 35 नई बसों की मांग की गई है, ताकि खटारा हो चुकी बसों के स्थान पर नई बसों का संचालन किया जा सके.
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