Rajasthan Politics: विधानसभा उप-चुनाव में RLP-कांग्रेस का नहीं होगा गठबंधन! बेनीवाल ने दिए संकेत

Rajasthan Politics: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने 18 जून को विधायक पद इस्तीफ दे दिया. उन्होंने कांग्रेस के गठबंधन पर बड़ा संकेत दिया है. 

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Rajasthan Politics: राजस्थान के 5 विधायक सांसद बन गए. पांचों विधायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इन सीटों पर उप-चुनाव होगा. RLP और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था. हनुमान बेनीवाल नागौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े. हनुमान बेनीवाल ने भाजपा की ज्योति मिर्धा को चुनाव हराकर सांसद बने. हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. 

हनुमान बेनीवाल के इस्तीफा देने से खींवसर सीट खाली 

हनुमान बेनीवाल के इस्तीफा देने से खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई. अब यहां उप-चुनाव होगा. अब सवाल ये है कि विधानसभा उपचुनाव में  RLP और कांग्रेस का गठबंधन होगा की अकेले चुनाव लड़ेंगे. इस हनुमान बेनीवाल ने खुलकर अपना पक्ष रखा. 

"खींवसर से विधानसभा सीट से RLP चनुाव लड़ेगी"

हनुमान बेनीवाल 18 जून को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि खींवसर विधानसभा सीट से RLP ही चुनाव लड़ेगी. क्योंकि, उप-चुनाव में खींवसर की जनता आरएलपी को ही चुना है. पिछली बार खींवसर विधानसभा के उप-चुनाव में अशोक गहलोत पूरी ताकत लगा दी थी. इसके बाद भी RLP की जीत हुई. 

"विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन पर करेंगे बात" 

उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन दिल्ली में है. स्टेट के चुनाव में क्या होगा, इसपर हम बात करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं तो यह चाहता हूं कि खींवसर ही नहीं अन्य सीटों  पर RLP का ही उम्मीदवार उतरे. हनुमान बेनीवाल के इस बयान से साफ है कि RLP राजस्थान के विधानसभा उप-चुनाव अकेले लड़ना चाहती है. हलांकि, कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. 

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इन 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 

  • खींवसर- हनुमान बेनीवाल 
  • चौरासी- राजकुमार रोत
  • झुंझुनूं- बृजेंद्र सिंह ओला
  • देवली उनियारा- हरिश्चंद मीणा
  • दौसा- मुरारी लाल मीणा

खींवसर विधानसभा सीट

हनुमान बेनीवाल खींवसर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक बने. हनुमान बेनीवाल की इस जाट बाहुल्य सीट पर पकड़ है. हनुमान बेनीवाल इस सीट पर RLP से उम्मीदवार उतारने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. 

चौरासी विधानसभा सीट

चौरासी विधानसभा सीट पर राजकुमार रोत जीत कर दो बार विधायक रह चुके हैं. आदिवासी इस सीट पर BAP की पकड़ बहुत मजबूत है. ऐसे में यहां बीजेपी के लिए मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती है. 

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झुंझुनूं विधानसभा सीट

कांग्रेस की परंपरागत सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 2003 में हारी थी. सुमित्रा सिंह ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीट पर कब्जा किया है.

देवली उनियारा और दौसा सीट 

मीणा और गुर्जर बाहुल्य इस सीट पर, कांग्रेस जीत को पक्का मान रही है. वजह है इन दोनों ही सीटों पर सचिन पायलट का खास प्रभाव होगा. दौसा लोकसभा सीट भी कांग्रेस के नाम ही रही है.

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