Rajasthan Politics: 'प्यासे हिरन, प्यासी गो माता, प्यासे पक्षी करे पुकार..' पेयजल की समस्या लेकर ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार

जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि अर्थण्डी गांव से महज 7 किलोमीटर दूर उम्मेदसागर-धवा-कल्याणपुर-खण्डप परियोजना कि पाइपलाइन है, लेकिन अभी तक राजनीति के चलते अर्थण्डी गांव को परियोजना से नहीं जोड़ा गया है, ग्रामीणों ने बताया कज गांव में पानी की टंकी का भी निर्माण विभाग द्वारा करवाया दिया गया है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीण

Rajasthan News: बाड़मेर लोकसभा की सिवाना विधानसभा के अर्थण्डी गांव के लोगों ने पानी की समस्या को लेकर मतदान का सामूहिक बहिष्कार का निर्णय लिया है. शुक्रवार को ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव में पानी की विकट समस्या है, 70 साल बाद भी ग्रामीणों को महंगे दामों में पानी मे टैंकर डलवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है. 'हर घर नल योजना' के तहत गांव में पाइप लाइन भी बिछा दी गई, लेकिन मुख्य परियोजना से नहीं जोड़ने के कारण अभी तक गांव में पानी नहीं पहुंचा है, सुनवाई नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने सामूहिक मतदान के  बहिष्कार का निर्णय लिया है.

महज 7 किलोमीटर दूर है मुख्य परियोजना पाइपलाइन 

जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि अर्थण्डी गांव से महज 7 किलोमीटर दूर उम्मेदसागर-धवा-कल्याणपुर-खण्डप परियोजना कि पाइपलाइन है, लेकिन अभी तक राजनीति के चलते अर्थण्डी गांव को परियोजना से नहीं जोड़ा गया है, ग्रामीणों ने बताया कज गांव में पानी की टंकी का भी निर्माण विभाग द्वारा करवाया दिया गया है. हर घर नल (JJM)के तहत गांव में पाइपलाइन भी बिछा दी है, लेकिन अभी तक मुख्य लाइन से नहीं जोड़ने के कारण गांव तक पानी नहीं पहुंचा है.

Advertisement

गर्मी में और परेशान होने जीत-जंतु 

ग्रामीणों के मुताबिक, 4 हजार की आबादी वाले इस गांव में पशु धन की भी बहुतायत है. ग्रामीण तो महंगे दामों में पानी के टैंकर डलवा देते है, लेकिन गायों और अन्य मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था कर पाना मुश्किल हो रहा है. गांव में करीब 5000 पशुधन है. आसपास के ओरण में हिरण सहित अन्य वन्य जीव भी बहुतायत में हैं और आने वाली गर्मियों में इस सबके लिए पानी की व्यवस्था ग्रामीण अपने स्तर पर कर रहे हैं.

Advertisement

जल नहीं तो वोट नहीं  

लेकिन विभाग द्वारा अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि मुख्य परियोजना से लाभान्वित हो रहे दूसरे गांवों के लोगों के दबाव और राजनैतिक कारणों से उनके गांव को योजना से वंचित रखा जा रहा है,अगर उनके गांव की पेयजल समस्या का समय पर निस्तारण नहीं हुआ तो गांव के लोग इस बार वोट नहीं देंगे. ग्रामीणों की मांग पर जिला कलेक्टर ने जल्द ही समस्या में समाधान का आश्वासन भी दिया.

Advertisement

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का होने लगा बॉयकॉट तो पूर्व मंत्री ने मांगी माफी, समाज विशेष पर की थी टिप्पणी