धौलपुर के मचकुंड सरोवर में देव छठ पर उमड़ा आस्था का सैलाब

मचकुंड सरोवर को एक पवित्र तीर्थ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस सरोवर के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. यह मेला राजस्थान के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण मेलों में से एक है.

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धौलपुर:

जिले के मचकुंड सरोवर में देव छठ के पर्व पर बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सरोवर में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त किया. मचकुंड सरोवर को सभी तीर्थों का भांजा कहा जाता है. मान्यता है कि देव छठ वाले दिन इस सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसीलिए हर साल देव छठ के पर्व पर यहां लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.

मचकुंड के लक्खी मेले की शुरुआत ऋषि पंचमी के दिन संतों के शाही स्नान के साथ हुई. बुधवार सुबह महिलाओं और बालिकाओं ने तीर्थराज मचकुंड में स्नान करने के बाद विशेष पूजा अर्चना की, जिसके बाद सप्त ऋषि की कथा सुनकर महिलाओं ने दान दक्षिणा करके लोगों को भोजन कराया.

ऋषि पंचमी से देवछठ तक चलने वाले इस मेले की शुरुआत करते हुए ग्वालियर, मुरैना, अयोध्या, वृन्दावन, मथुरा और अन्य जिलों से आए हुए संतों की सवारियां बैंड-बाजों के साथ मंगल भारती मंदिर से शुरू होकर मचकुंड सरोवर पहुंची, जहां संतों ने सरोवर में शाही स्नान किया. शाही स्नान के बाद संतों ने तीर्थराज मचकुण्ड की पूजा-अर्चना कर दो दिन तक चलने वाले तीर्थराज मचकुंड मेला का शुभारंभ किया. इसके साथ ही मचकुंड रोड स्तिथ मजार पर भी उर्स के मौके पर मुसायरे का आयोजन किया गया.

मोहर छठ पर श्रद्धालुओं ने लगाई सरोवर में डुबकी

ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड मेले में दूसरे दिन सरोवर में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के आस-पास के क्षेत्रों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में सरोवर में डुबकी लगाने पहुंचे. मचकुंड महाराज को सभी तीर्थों का भांजा कहा जाता है. सरोवर में देवछठ वाले दिन स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है. छठ तक चलने वाले इस मेले में राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु सरोवर मे स्नान करने पहुंचते हैं, जिसको लेकर भारी पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया है.

मंचकुंड में व्यवस्थाओं को लेकर प्रशिक्षु सीओ अंगद ने बताया कि महिलाओं के लिए अलग से घाट चिन्हित किए गए है, जिन पर पुरुषों को जाने की मनाही है. वहीं प्रत्येक घाट पर गोताघोर भी नियुक्त किए गए है क्योंकि सरोवर में पानी अधिक है. कोई स्नान करने के दौरान कोई अनहोनी न हो जाए उसके लिहाज से बंदोबस्त किए गए है.

मचकुंड सरोवर की मान्यता व महत्व

मचकुंड सरोवर को एक पवित्र तीर्थ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस सरोवर के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. यह मेला राजस्थान के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण मेलों में से एक है. इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और सरोवर में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.

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मचकुंड मेले में की गई व्यवस्थाएं

मचकुंड मेले में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं. मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. इसके अलावा, मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं, पेयजल और शौचालयों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी.

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