Rajasthan: कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन को शिफ्ट कर दिया गया. करीब 25 महीने की बाघिन सवाई माधोपुर रथथंभौर टाइगर रिजर्व की टी-114 बाघिन की बेटी है. टाइगर रिजर्व के घाटी माता मंदिर के नीचे 28 हेक्टेयर के एंक्लोजर बना है. उसके अंदर बनाए गए 5 हेक्टेयर के एंक्लोजर में बाघिन को शिफ्ट किया गया है. इसके बाद दो बाघिन को मध्य प्रदेश से लाकर यहां छोड़ा जाएगा. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड ने बताया कि पिछले बुधवार को बाघिन के साथ जन्मे नर बाघ को भी बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया है. उसे भी वहां पर 5 हेक्टेयर के एंक्लोजर में रखा गया है. विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है.
डॉक्टर ने बाघिन का DNA सैंपल लिया
डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड ने बताया कि बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए उसे डॉट लगाई गई. ट्रेंकुलाइज होने के बाद हेल्थ चेकअप किया गया. 25 महीने की उम्र की इस बाघिन का वजन 100 किलो के आसपास है. डॉक्टर की टीम ने बाघिन का डीएनए सैंपल भी लिया है, जिसे डब्ल्यूआईआई भेजा जाएगा. यह बाघिन अपने भाई बाघ, जिसे बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया है, उससे ज्यादा एक्टिव है. शिफ्ट की गई बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाकर बाघिन को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के दरा एंक्लोजर के लिए रवाना किया. शिफ्टिंग के दौरान मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के तमाम उच्च अधिकारी मौजूद रहे.
कोटा के बायोलॉजिकल पार्क में थे शावक
इस बाघिन का जन्म रणथंभौर की T-114 बाघिन से नवंबर 2022 में हुआ था. बाघिन की मौत के बाद दोनों नर-मादा शावक को अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था, तब इनकी उम्र ढाई महीने की थी. बायोलॉजिकल पार्क के वन कर्मियों ने ही डिस्टेंस बनाए हुए थे, इन्हें अब तक पालन पोषण किया. सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कर रहे थे. अन्य वन्यजीवों एवं मानवीय दखल कभी नहीं होने दिया गया.
ओम बिरला ने जताई खुशी
हाड़ौती में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. स्पीकर ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा और बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को बाघ से गुलज़ार करने के लिए लगातार वन्य जीव विभाग को निर्देश दिए हैं. मादा शव की शिफ्टिंग होने के बाद स्पीकर बिरला ने कहा है कि कोटा और बूंदी में Nature Tourism के प्रोत्साहन के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. इससे हाड़ौती की आर्थिक उन्नति को वाइल्ड लाइफ टूरिज्म से मिलेगी नई गति मिलेगी. दोनों टाइगर रिजर्व में बाघों को बसाने प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही हैं. रामगढ़ के बाद मुकुंदरा में भी जल्द ही टाइगर सफारी को शुरू करेंगे.
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