Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने भाषण में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस की सरकार बनती रही है लेकिन उन गरीब लोगों की सुध दोनों ही पार्टियों को लेनी चाहिए जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. बजट पर विधानसभा में बहस के अंतिम दिन अपना वक्तव्य रखते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि दोनों पार्टियों को साथ मिलकर इस बारे में प्रयास करना चाहिए.
टीकाराम जूली ने कहा,"हमें तो सभी सुविधाएं मिलती है, लेकिन क्या हमने कभी उन गरीबों के बारे में सोचा है जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? आपकी सरकार आई तो हम आप पर आरोप लगाएं. हमारी सरकार आए तो आप हम पर आरोप लगाएं, लेकिन इससे राजस्थान की समस्या का समाधान निकलने वाला नहीं है. इसलिए हमें साथ मिलकर कदम उठाना चाहिए."
टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान में पानी की समस्या दशकों से चल रही है और यह बहुत जरूरी है कि सही कदम उठाया जाए. उन्होंने कहा,"राजस्थान में बारिश होती है लेकिन हमने कभी इसे संचित करने की योजना नहीं बनाई. जबकि बारिश का पानी बह कर दूसरे राज्यों में जा रहा है. अगर बिजली के लिए सोलर ऊर्जा का ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो हमें बिजली भी मिलेगी और इससे पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा."
पेपर लीक में मगरमच्छ पकड़ना जरूरी
टीकाराम जूली ने पेपर लीक का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा,"वसुंधरा राजे सरकार के समय हमसे ज्यादा पेपर लीक हुए थे. पूरे देश में सभी जगह पेपर लीक हो रहे हैं. लेकिन इस पर हम केवल आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. इससे होगा क्या? राजस्थान ने पेपर लीक मामले में सबसे कड़ा कानून बनाया है. हमने पेपर लीक मामले में आजीवन कारावास का प्रावधान किया था."
गरीबों तक इंटरनेट कैसे पहुंचे यह सोचना जरूरी
नेता प्रतिपक्ष ने इंटरनेट का मुद्दा उठाया और सरकार से पूछा कि इंटरनेट पर उसने क्या प्लान किया है, क्योंकि गरीब लोगों को मुफ्त इंटरनेट मिलना जरूरी है. टीकाराम ने कहा,"कांग्रेस ने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना चलाई थी जिसे बंद कर दिया गया जिसमें मुफ्त इंटरनेट की सुविधा थी. इस योजना का उद्देश्य ही गरीब लोगों के पास इंटरनेट पहुंचाना था, लेकिन आज मुफ्त इंटरनेट मिलना मुश्किल हो गया है."
4 लाख नौकरी कैसे देगी सरकार
टीकाराम जूली ने राजस्थान में नौकरी की घोषणा पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 लाख नौकरी की घोषणा की, जबकि राजस्थान में 8 लाख नौकरियां है तो फिर 5 साल में 4 लाख नौकरी कैसे देंगेय़
उन्होंने कहा," इससे पहले कहा गया कि 70 हजार नौकरी दे दी गई है लेकिन इसकी विज्ञप्ति कहां है पता नहीं. अब इस साल 1 लाख नौकरी देने की बात कही जा रही है तो इसकी विज्ञप्ति कहां है. 70 हजार नौकरी देने में आपने कितनों को नियुक्ति पत्र दिया इसका आंकड़ा कहां है. जबकि इसमें हमारी सरकार के आंकड़े भी शामिल हैं."
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