Jaisalmer Rain: जैसलमेर में अब तक बरसा केवल 2 इंच पानी, आधा जुलाई बीता लेकिन 94 फीसदी बुवाई बाकी

जैसलमेर में इस बार अब तक 56 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि गत साल 30 जून तक 90 एमएम बारिश हो चुकी थी. इस बार प्री मानसून के बाद अच्छी बारिश नहीं होने से खेतों में फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
जैसलमेर में किसानों को बारिश का इंतजार.
NDTV Reporter

Rajasthan News: आधा आषाढ़ सूखा बीत जाने के बाद भी जैसलमेर (Jaisalmer) वाशिंदे अब तक मानसून (Monsoon) आने व अच्छी बारिश (Rain) होने का इंतजार आसमान में टकटकी लगाए कर रहे हैं. लेकिन बादल है कि बरसने का नाम ही नहीं ले रहे. पूरे जुलाई में हर रोज मौसम बनता है. उमस व गर्मी लोगों को परेशान करती है, लेकिन बारिश हुई नहीं है. इस वजह से खरीफ फसलों की अब तक सिर्फ 6 फीसदी बुवाई ही हो पाई है. करीब 94 फीसदी क्षेत्र में फसलों की बुवाई तक होनी अब तक बाकी है. बारिश के अभाव में सूखे की आहट ने धरती पुत्रों की परेशानी बढ़ा दी है.

पिछले साल के मुकाबले 34 MM कम बारिश

इस बार अब तक 56 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि गत साल 30 जून तक 90 एमएम बारिश हो चुकी थी. इस बार प्री मानसून के बाद अच्छी बारिश नहीं होने से खेतों में फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है. हालांकि अभी बाजरे की बुवाई का वक्त बीत चुका है. अब वक्त है ग्वार, मूंग, मोठ व तिल की बिजाई का. हालांकि मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में बारिश की उम्मीद नहीं है. लेकिन मौसम विभाग कि संभावनाएं इस महीने बिल्कुल सही नहीं रही है. इस स्थिति में किसानों के सामने चारे-पानी का संकट खड़ा हो गया है.

जुलाई के पहले सप्ताह में नहीं आया मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, हर साल की तरह इस साल भी जुलाई के पहले सप्ताह तक मानसून जैसलमेर में प्रवेश करना था. लेकिन जैसलमेर में मानसून की एकाध बरसात ही हुई है, जिससे किसान अब बरसात का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आधा जुलाई बीतने के बावजूद बरसात नहीं होने से किसानों को चिंता सताने लगी है. मानसून से पहले किसानों ने खेतों में खड़ाई कर खेत बुवाई के लिए तैयार कर लिए हैं. लेकिन बरसात नहीं होने से अब तक खरीफ की दूसरी फसलों की बुआई नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़ें:- बारां में बवाल की नौबत! मंदिर का गुंबद टूटने से नाराज हुआ हिंदू समाज, मुहर्रम जुलूस न निकलने की दी चेतावनी

Advertisement