पूरे प्रदेश में जन्माष्टमी की धूम, रंग-बिरंगी लाइटों से सजे मंदिर, कान्हा की भक्ति में डूबे श्रद्धालु

जन्माष्टमी पर आज पूरे प्रदेश में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति पूरे भाव से की जा रही है. जगह-जगह मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. रात में 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव पूरे भक्तिभाव से मनाया जाएगा.

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर रंग-बिरंगी लाइटों से सजा मंदिर.

पूरे देश में जन्माष्टमी पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों में भी जन्माष्टमी को लेकर धूम है. भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. जगह-जगह दही-हांडी और मटकी फोड़ प्रतियोगिता की जा रही है. घरों में भी महिला-पुरुष श्रद्धालु उपवास पर रहकर गोविंदा की भक्ति में लीन है. जन्माष्टमी को लेकर नाथद्वारा में नन्द महोत्सव की तैयारियां जोरो है. श्रीनाथद्वारा में 7 सितम्बर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव और  8 सितम्बर को नन्द महोत्सव मनाया जाएगा.

मन्दिर परिसर में परम्परानुसार जन्माष्टमी के दिन मन्दिर के राजपुरोहित द्वारा प्रातःकाल श्रृंगार के दर्शन में कृष्णावतार के विवरण के साथ श्रीकृृष्ण की जन्मकुण्डली मन्दिर खास में स्थित मणिकोठे से सुनाई गई. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दूसरे दिन नन्द महोत्सव के अवसर पर सम्पूर्ण मन्दिर में श्रीजी के बड़े मुखियाजी द्वारा नन्द स्वरूप धारण केसर-युक्त दही/छाछ का छिड़काव ग्वाल-बालों के संग मिलकर किया जाता है.

इस हेतु मन्दिर मण्डल द्वारा भारी मात्रा में दही/छाछ की व्यवस्था की जा रही है. इस दौरान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को श्रीजी के सन्मुख पलने में झुलाए जाएंगे और छठी पूजन की रस्म परम्परानुसार करके मन्दिर के द्वारों पर कुमकुम, दूध-दही के छापे लगाये जायेंगे.

जन्माष्टमी पर मंदिरों में उमड़ा भक्ति का सैलाब 
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की खुशी में रात्रि के 12.00 बजे रिसालाचौक में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. मन्दिर मुख्यद्वार पर नक्कारखाने से ढ़ोल, नक्कारे, बिगुल, शहनाई, थाली-मादल आदि की मधुर ध्वनी से पूरा नाथद्वारा नगर गुंजायमान होगा.

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अद्भुत झांकियों के साथ घोड़े, नक्कारे, श्रीनाथ बैण्ड, स्थानीय बैण्ड्स, भजन मण्डलियॉ एवं परम्परागत नक्कारा-निशान के साथ सुखपाल में श्रीकृष्ण की बाल स्वरूप की छवि पधराई जाकर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा.

शोभायात्रा रिसाला चौक से प्रारंभ होकर गांधी रोड़, देहलीबाजार, गुर्जरपुरा, बड़ा बाजार, मन्दिर परिक्रमा, प्रीतमपोली, नया बाजार एवं चोपाटी से होकर रिसालाचौक में विसर्जित होगी. परम्परानुसार जन्माष्टमी के दिन रात्रि में 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म पर 21 तोपो की सलामी दी जावेगी। रिसाला चौक में परम्परानुसार तोपे दागी जाएगी.

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जन्माष्टमी एवं नन्द महोत्सव पर दर्शन समय

7 सितंबर को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंगल पंचामृत प्रातः 4.45 से लगभग 2 घंटे तक रहेगा तथा श्रृंगार के दर्शन प्रातः 9.30 बजे से लगभग 1 घंटे तक रहेंगे. राजभोग के दर्शन दोपहर 12.30 बजे से लगभग डेढ़ घंटे तक रहेगा एवं भोग आरती रात्रि 7.30 बजे से लगभग 1 घंटा तक तथा जागरण रात्रि 8.30 बजे से लगभग 3 घंटे तक रहेगा.

8 सितंबर को नंद उत्सव पर केसर युक्त दही/छाछ छिड़काव प्रातः 7.30 से  11 तक रहेगा. मंगल एवं श्रृंगार अपराहन 12 बजे से लगभग आधा घंटा तक रहेगा. उसके बाद राजभोग दोपहर 12.15 बजे से लगभग 1 घंटा रहेगा. उत्थापना रात्रि 7 से लगभग आधा घंटा तक रहेगा एवं भोग एवं आरती रात्रि 8 बजे से लगभग 1 घंटा रहेगा.

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जन्माष्टमी एवं नंद महोत्सव के दिन दर्शन हेतु महिलाओं एवं पुरुषों का प्रवेश नक्कारखाना से होगा व निकासी मोतीमहल व नक्कारखाना के तीसरे गेट से रहेगी। नंद महोत्सव के दिन प्रात 7.30 से 11 बजे तक दही/छाछ साथ छिड़काव होगा.

करौली के मदन मोहन जी मंदिर में उमड़ी भीड़

करौली जन्माष्टमी को लेकर मदन मोहन जी मंदिर में आज हजारों की भीड़ उम्र पड़ी है. भक्तों का सैलाब मुख्य बाजार से निकलता हुआ राधे-राधे श्याम मिला दे बंसी वाले की जय के नाम से निकल रहा है. आज रात 12:00 बजे श्री कृष्ण का जन्म होगा जिसमें मंदिर प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई है कि कहां पर भोग प्रसादी मिलेगी और कहां पंचामृत मिलेगा. 

हरे कृष्ण विलेज में जन्माष्टमी की तैयारी में सजा भव्य गेट


चैतन्य बाल कृष्ण की लीलाओ से जीवंत होगी जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस वर्ष अलग रूप में देखने को मिलेगी. माउंट आबू आबू रोड में कई जगहों पर जन्माष्टमी सजाई जा रही. लेकिन आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीं संस्थान में कोरोना काल के बाद पहली बार लाइव जीवंत झांकी देखने को मिलेगी. इसके लिए 72 फ़ीट लंबे चौड़े पंडाल में कई प्रकार के स्टाल है. जिसमे लक्ष्मी नारायण का दरबार, पीपल के पत्ते पर कृष्ण, स्वर्गीय राजदरबार, परमात्मा की विशाल झांकी सहित कई मनमोहक दृश्य देखने को मिलेंगे. ये झांकी 2 दिन लगेगी.

टोंक में लगेगा 1008 व्यंजनों का भोग

टोंक जिला मुख्यालय सहित जिले में मंदिरों में आज जन्माष्ठमी की धूम है, वही टोंक के कारोला में हरे कृष्णा विलेज में शाम की जगह सुबह से ही हजारों भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाएगी. टोंक में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है.

इसको लेकर जिला मुख्यालय समेत जिलेभर में कृष्ण मंदिरों की प्रबंध समितियों की ओर से तैयारियां की गई है, कारोला गांव में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच अरावली पर्वत श्रंखलाओ के बीच स्थित हरे कृष्ण विलेज में जन्माष्टमी की तैयारियां की गई है.

प्रबंधन समिति के अनुसार जन्माष्टमी पर 24 घंटे हरिनाम संकीर्तन भी चलता रहेगा और भगवान श्रीकृष्ण को 1008 व्यंजनों का भोग लगा कर रात्रि 10 बजे बाद भगवान श्रीकृष्ण का महा अभिषेक व महा-आरती संकीर्तन व भक्तों की जयकारों के साथ सम्पन्न होगा. इससे पहले जन्माष्टमी पर सुबह 10 बजे से रात्रि 12 बजे तक मंदिर में दर्शन खुले रहेंगे.

इस बार हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ के आने की सम्भावना को देखते हुए हरेकृष्ण विलेज के प्रबंधन ने की सुरक्षा, आवागमन, पार्किंग, दर्शन, प्रसादी आदि पर्याप्त व्यवस्था की है, हरे कृष्ण विलेज में जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य दर्शन, ठाकुरजी की झूलन सेवा, सभी दर्शनार्थियों को निशुल्क प्रसाद, बैलगाड़ी भ्रमण, गौसेवा, गोवर्धन परिक्रमा आदि की व्यवस्था रहेगी.

हरे कृष्ण विलेज में कृष्ण जी की सुन्दर प्रतिमा

जानिए क्या है खास इस बार जन्माष्ठमी पर टोंक में


वही टोंक में श्याम बाबा मंदिर,रामकृष्ण मंदिर,रघुनाथ जी मंदिर सहित पांडेजी बाग बम्बोर गेट स्थित प्राचीन मथुराधीशजी मंदिर परिसर में भी जन्माष्टमी पर्व पर गुरुवार की मध्य रात्रि 12 बजे मनाया जाएगा. जंहा श्रीकृष्ण के जन्म के दर्शन होंगे.

भव्य कार्यक्रम की तैयारी

वही अगले दिन शुक्रवार को प्रातः 9.30 बजे आयोजित होने वाले नन्दोत्सव में बच्चे कृष्ण स्वरूप में उत्सव मनाएंगे. मन्दिर प्रांगण में हल्दी, दही का मांगलिक छिड़काव, पुष्टिमार्गीय हवेली संगीत में अष्टसखा पदो से बधाई गायन व पालना के पद होंगे.

ठाकुरजी के पालना दर्शन होंगे. साथ ही सभी कृष्ण स्वरूप बन कर आने वाले बालको को उपहार भेंट किये जाएगे. 11 बजे ठाकुरजी के बालस्वरूप की आरती प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा.

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