Rajasthan: बेणेश्वर धाम में हज़ारों भक्त लगा रहे आस्था की डुबकी, सोम-माही-जाखम त्रिवेणी संगम पर जमेगा मेला 

Beneshwar Fair: बेणेश्वर मेला न केवल धार्मिक आस्था का संगम है, बल्कि यह आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है. हजारों श्रद्धालु इस मेले में भाग लेकर अपनी धार्मिक मान्यताओं को निभाते हैं और सामाजिक समरसता का परिचय देते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Beneshwar Dham Dungarpur: डूंगरपुर जिले के आदिवासियों के प्रयाग कहे जाने वाले बेणेश्वर धाम पर आज माघ पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य मेले का आयोजन हो रहा है. इस मौके पर धाम पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. श्रद्धालु सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम में स्नान कर तर्पण-अर्पण कर रहे हैं. साथ ही, अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों के विसर्जन के लिए भी श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं, जिससे मेले का धार्मिक महत्व और बढ़ गया है.

बेणेश्वर धाम पर हर साल राष्ट्रीय बेणेश्वर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें माघ पूर्णिमा के दिन मुख्य मेले होता है.  आज सुबह से ही राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश समेत अलग-अलग जगहों से श्रद्धालु बेणेश्वर धाम पहुंच रहे हैं. त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु राधा-कृष्ण मंदिर, शिव मंदिर और ब्रह्मा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं.

सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतज़ाम 

बेणेश्वर मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं. साबला थानाधिकारी रघुवीर सिंह ने बताया कि 900 पुलिसकर्मियों को मेले की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. स्नान और तर्पण के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना न हो, इसके लिए पुलिसकर्मी घाटों पर निगरानी रख रहे हैं. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिससे मेले में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

Advertisement

निकाली जायेगी पालकी यात्रा 

मुख्य मेले के दिन बेणेश्वर धाम पर भगवान निष्कलंक और महंत अच्युतानंद महाराज की पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगी. यह पालकी यात्रा साबला हरिमंदिर से बेणेश्वर धाम तक निकाली जाएगी, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी. इसके बाद महंत अच्युतानंद महाराज का शाही स्नान आबूदर्रा में संपन्न होगा, जो मेले की मुख्य धार्मिक परंपराओं में से एक है.

Advertisement

आदिवासी संस्कृति का है प्रतीक 

बेणेश्वर मेला न केवल धार्मिक आस्था का संगम है, बल्कि यह आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है. हजारों श्रद्धालु इस मेले में भाग लेकर अपनी धार्मिक मान्यताओं को निभाते हैं और सामाजिक समरसता का परिचय देते हैं. मेले में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, मंदिरों में भजन-कीर्तन और मेलार्थियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे बेणेश्वर धाम पर भव्य और दिव्य वातावरण बना हुआ है.

Advertisement

यह भी पढ़ें - राजस्थान सरकार की बड़ी घोषणा, इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर देगी 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी