Baroda Rajasthan Regional Rural Bank: राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना कस्बे में स्थित बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक खातों में 34-34 हजार रुपये आए थे. इस बैंक के करीब 9000 बैंक खातों में 34-34 हजार रुपये गलती से भेजे गए. यानी 9000 खातों में करीब 30,60,00,000 करोड़ रुपये आए. वहीं इन रुपयों के आने के बाद सभी खातों को पहले फ्रीज किया गया. लेकिन बाद में बैंक बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के जरिए 8000 रुपये की रिश्वत लेकर करीब 2500 बैंक खातों को फ्रीज से हटा दिया गया और गलती से आए 34-34 हजार रुपयों को बैंक खाता धारकों को दे दिया गया. यानी 8,50,00,000 की राशि 2500 खातों के जरिए गपत गोल कर दिया गया है. यह खेल करीब डेढ़ महीने तक चला. लेकिन जब बात धीरे-धीरे सामने आई तो जिन लोगों के खाते फ्रीज थे उन्होंने इसकी शिकायत शुरू की.
शिकायत के बाद जिला कलेक्टर ने अब जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही टोंक, जयपुर, अलवर और नागौर सहित 7 जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर मामले में जानकारी मांगी है. जहां से इन खातों में पैसा आया था.
जांच के नाम पर हो रहा खेल
बैंक बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के जरिए 8000 रुपये प्रति खाता रिश्वत लेकर खाता चालू करने के मामले में हर दिन नए अधिकार पीड़ित पक्ष का बयान लेने आ रहे हैं. लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि जांच में आरोपी बैंक मैनेजर और बैंक बीसी नंदराम को बचाने की कोशिश की जा रही है. जबकि पीड़ितों के बयान के कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें अधिकारी के समक्ष लोग साफ तौर पर पैसे लेकर बंद खाता चालू किए जाने के आरोप लगा रहे हैं. वहीं अब तक बीसी नंदराम के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है.
दिलाए जा रहे गलत बयान
आरोप यह भी है कि जांच को प्रभावित करने के लिए आरोपियों द्वारा कुछ लोगों को बैंक बुलाकर या गांव में एकत्रित करके पैसा नहीं लिए जाने के बयान दिलवाए जा रहे हैं. यह भी नहीं देखा जा रहा है कि बयान देने वाला बैंक का खाताधारक है या नहीं. मजेदार बात यह है कि जांच अधिकारी उन लोगों के बयान ले रहे हैं जो शिकायतकर्ता नहीं हैं. बयान देने वालों में वह लोग शामिल किया जा रहा है जिनके खाते बंद होकर चालू हुए हैं और जिन्होंने बैंक बीसी को रिश्वत दिया है. जबकि जिनके खाते अब भी फ्रीज है उनसे बात नहीं की जा रही है.
अब आधी रात तक बैंक खोलकर काटे जा रहे हैं खातों से पैसे
खातों में पैसे आने के लगभग 4 महीने बाद अब बैंक द्वारा खातों से पूरे पैसे काटे जा रहे हैं तथा खातों से पैसे काटे जाने का काम मध्य रात्रि को हो रहा है. जिसके मैसेज खाताधारकों को बुधवार आधी रात से मिलने लगे हैं. बैंक के सूत्र बताते हैं कि वह सभी खाते जो पैसा आने के बाद बंद कर दिए गए थे और उनको खाताधारकों द्वारा चालू नहीं करवाया गया. उन खातों से अब पैसे काटे जाने का काम शुरू कर दिया गया है.
अब सबसे बड़ा सवाल यहां पर यह पैदा होता है कि बैंक प्रबंधन को अब खातों से वापस पैसे काटे जाने की याद कैसे आ गई. जबकि 15 मई 2024 को ही टोंक जिला कलेक्टर का पत्र बैंक को मिल गया था जिसमें गलत तरीके से आई हुई राशि को वापस रिफंड करवाने के लिए लिखा गया था. पत्र मिलने के डेढ़ महीने बाद बैंक प्रबंधन द्वारा अब खातों से पैसे कटे जाना वहां के कार्मिकों की नियत पर सवाल खड़े करता है.
क्या होगा उन खातों का जिनसे लोग पैसा निकाल चुके हैं
अब जबकि बैंक प्रबंधन द्वारा बंद खातों में जमा 34-34 हजार रुपए वापस काटना शुरु कर दिया गया है. तो एक बड़ा सवाल यह भी पैदा हो गया है कि वह लगभग ढाई हजार खाते जिनको गलत तरीके से बंद करके गलत तरीके से 8-8 हजार लेकर चालू किया गया और खातों से राशि निकाल कर खाताधारकों को दे दी गई. उन खाते में जो पैसे जमा हुए थे उनका क्या होगा? अब उनकी रिकवरी कैसे हो पाएगी? इस सवाल का फिलहाल बैंक प्रबंधन या जांच अधिकारियों के पास भी कोई जवाब नहीं है.
बहरहाल बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में 34-34 हजार रुपये की लेनदेन का मामला निश्चित ही एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है. वहीं अब तक प्रशासनिक अधिकारी भी इस बारे में गौर से संज्ञान नहीं ले रहा है.