राजस्थान में जाति के आधार पर हुई है ट्रांसफर-पोस्टिंग, कांग्रेस विधायक का दावा

कांग्रेस विधायक ने मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रांसफरों में जाति और धर्म के आधार पर किए जा रहे भेदभाव पर नाराजगी जताई.

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Rajasthan Transfer-Posting News: राजस्थान में शिक्षा विभाग छोड़कर सभी विभागों में ट्रांसफर-पोस्टिंग की छूट दी गई थी. जिसके बाद करीब-करीब सभी विभागों में बड़े पैमाने पर छोटे से बड़े कर्मचारियों का ट्रांसफर किया गया है. इसके बाद हजारों कर्मचारी इधर से उधर हो गए हैं. हालांकि इस पर ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी जमकर राजनीति हुई है. जबकि कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए इसे उद्योग बताया था. वहीं अब दावा किया गया है कि राजस्थान में अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग जाति के आधार पर की गई है.

इस मामले में लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने ट्रांसफर पॉलिसी में सरकार पर जाति और धर्म के आधार पर टारगेट करते हुए ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है. भाकर ने सोमवार को डीडवाना में आयोजित दिशा कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रांसफरों में जाति और धर्म के आधार पर किए जा रहे भेदभाव पर नाराजगी जताई.

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जाट, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को किया जा रहा टारगेट

विधायक मुकेश भाकर ने कहा की सरकार ट्रांसफर पॉलिसी में भेदभाव को बढ़ावा दे रही है. जाट, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारियों और कर्मचारियों को टारगेट किया जा रहा है और द्वेषपूर्ण और भेदभाव की नीति अपनाकर इन समुदायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को जिले से दूर ट्रांसफर किया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा एक और राम राज्य की बात कहती है, दूसरी ओर सामंत शाही अपनाकर जाति विशेष के कर्मचारियों में डर पैदा करना चाहती है. लेकिन हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि इस तरह की नीति से कोई डरने वाला नहीं है, बल्कि इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा. यह मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले हमने उठाया था, लेकिन भाजपा सरकार में सबक नहीं लिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त खानी पड़ी. 

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उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया कि क्या उन्होंने लाडनूं विधानसभा क्षेत्र को नौसिखिया लोगों को ठेके पर दे दिया है और क्या ऐसे लोगों को किसानों और दलित समाज के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का लाइसेंस दे रखा है.

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल केवल भाजपा के मुख्यमंत्री बन कर रह गए हैं. इसलिए वे केवल भाजपा के हारे हुए प्रत्याशियों से मिलते हैं. जबकि उन्होंने आज तक कोई जीते हुए विधायकों के साथ बैठक नहीं की ना ही उनके सुझाव लिए है.

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