बांसवाड़ा परमाणु पावर प्लांट जमीन विस्थापन पर आमने-सामने आदिवासी और पुलिस, ग्रामीणों ने की सड़क जाम

विस्थापित होने वाले ग्रामीणों की मांग है कि इससे प्रभावित परिवार के सभी युवाओं को यहां रोजगार उपलब्ध कराया जाए और परिवार के हर व्यक्ति को अलग यूनिट मानकर आवास और रोजगार मिले. इसके बाद ही वो यहां से विस्थापित होंगे. गौरतलब है कि इन मांगों को लेकर लोकसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था.

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पुलिस और आदिवासियों के बीच जमकर हुई झड़प

Banswara News: बांसवाड़ा में बनने वाले न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए सरकार ने अब वहां के रहने वालों को विस्थापित करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को जमीन खाली करवाने के लिए प्रशासन वहां पहुंचा था. लेकिन वहां मौजूद आदिवासियों ने इसका विरोध किया जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को वहां से तितर बितर कर दिया. 

दरअसल बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन क्षेत्र में 2800 मेगावाट न्यूक्लियर पावर प्लांट प्रस्तावित है. सरकार ने यहां से जमीन भी अधिग्रहित की है. सरकार का कहना है कि सब को मुआवजा मिल गया है, लेकिन यहां के रहने वाले लोग अभी भी जमीन खाली नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद पुलिस प्रशासन अब सख्त कार्रवाई कर रहा है.

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शुक्रवार को सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़क पर जाम लगा दिया. जिला प्रशासन द्वारा पहले प्रभावितों को नोटिस देकर हटाने की अपील की गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी वे लोग अपने स्थान पर डटे रहे. तीन जिलों से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और प्रभावितों को जमीन खाली करने के लिए कहा गया था. पावर प्लांट का निर्माण सितंबर महीने से शुरू होने वाला है. इसलिए प्रशासन ने विस्थापन की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने का निर्णय लिया है.

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सरकार पहले ही दे चुकी 415 करोड़ का मुआवजा 

परमाणु बिजली घर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले इस क्षेत्र में आने वाले 6 गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खड़िया देव, आडीभीत और कटुम्बी आदि गांव में रहने वाले करीब 3 हजार लोगों को विस्थापित किया जाना है. इन परिवारों को सरकार द्वारा 415 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है और इसके बदले में 553 हेक्टेयर जमीन आवाप्त की गई है.  इसके साथ ही खड़िया देव में 60 हेक्टेयर जमीन विस्थापित होने वाले लोगों के लिए मकान बनाने के लिए अवाप्त की है.

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ग्रामीण कर रहे रोजगार की मांग 

विस्थापित होने वाले ग्रामीणों की मांग है कि इससे प्रभावित परिवार के सभी युवाओं को यहां रोजगार उपलब्ध कराया जाए और परिवार के हर व्यक्ति को अलग यूनिट मानकर आवास और रोजगार मिले. इसके बाद ही वो यहां से विस्थापित होंगे. गौरतलब है कि इन मांगों को लेकर लोकसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था.

जब तक मांग पूरी नहीं, विस्थापन नहीं 

अब जबकि इसका निर्माण कार्य शुरू होने को है इसको लेकर इन गांव में रहने वाले लोगों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और कहा कि उनकी मांगों को अभी पूरा नहीं किया गया है और जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वह विस्थापित नहीं होंगे.  इसको लेकर परमाणु बिजली घर के प्रबंधकों द्वारा पुलिस से संपर्क कर उनकी सहायता से लोगों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

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