सांचौर का मौलवी TTP का एक्टिव सदस्य निकला, अफगानिस्तान भागने की फिराक में था; UAPA के तहत गिरफ्तार

एटीएस के आईजी विकास कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. फिलहाल प्राथमिक जांच में किसी बड़े स्तर की फंडिंग की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन TTP जैसे खूंखार आतंकी संगठन से चार साल तक जुड़ाव गंभीर चिंता का विषय है.

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राजस्थान में TTP का स्लीपर सेल! सांचौर का मौलवी अफगानिस्तान भागने से पहले UAPA में गिरफ्तार
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए सांचौर (Sanchore) के मौलवी ओसामा उमर (Maulvi Osama Omar) को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया है. मौलवी ओसामा का सीधा संबंध खूंखार अफगानिस्तानी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से था. यह मौलवी दुबई होते हुए अफगानिस्तान भागने की फिराक में था, लेकिन ATS ने समय रहते उसे दबोच लिया.

क्या है पूरा मामला?

ATS ने बीते शुक्रवार को प्रदेश के 4 अलग-अलग जिलों में एक साथ छापेमारी कर कुल 5 संदिग्धों को हिरासत में लिया था, जिनमें से दो सगे भाई थे. इन सभी से ATS मुख्यालय, जयपुर में 4 दिनों तक गहन पूछताछ चली. पूछताछ और सबूतों के आधार पर, ATS ने बुधवार को मौलवी ओसामा उमर के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है.

मूल रूप से बाड़मेर का निवासी

ओसामा उमर मूल रूप से बाड़मेर के मुसनाराई का बास का निवासी है. पिछले लंबे समय से वो सांचौर के इमाम नूर मोहम्मद मोहर्रम चौक पर रखकर कट्टरवाद फैला रहा था. TTP के टॉप कमांडरों से पिछले 4 साल से इंटरनेट कॉलिंग (VoIP) के जरिए संपर्क में था, जिसका खुलासा ATS की जांच में हुआ है.

अफगानिस्तान भागने की साजिश नाकाम

एटीएस के सूत्रों से पता चला है कि मौलवी ओसामा उमर अपनी गिरफ्तारी से पहले ही देश छोड़कर भागने की योजना बना रहा था. वह दुबई के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचने की फिराक में था. एटीएस की टीम ने उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए, उसके भागने की योजना को सफल होने से पहले ही उसे पकड़ लिया, जो कि सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता है.

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UAPA और कट्टरता फैलाने का आरोप

एटीएस ने मौलवी ओसामा उमर को सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में UAPA की गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि ओसामा न केवल खुद TTP से जुड़ा था, बल्कि वह सांचौर में लंबे समय से युवाओं के बीच कट्टरता फैला रहा था और अन्य चार हिरासत में लिए गए संदिग्धों पर भी आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए दबाव बना रहा था.

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