Udaipur Panther: तेंदुए को पकड़ने के लिए 'इंसानी चारा', 4 तरफ से होगा अटैक; मीटिंग के बाद सेना ने शुरू किया ऑपरेशन

राजस्थान सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा ने NDTV से खास बातचीत में कहा था कि आदमखोर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अगर, वह पकड़ में नहीं आता है तो उसको शूट एट साइट करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं. क्योंकि, मानव जीवन अमूल्य है, इसलिए उनकी रक्षा करना पहला दायित्व है.

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Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले में आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है. इसमें आर्मी, वन विभाग और पुलिस के साथ ग्रामीण भी शामिल हुए हैं, जो तेंदुए को देखते ही 4 तरफ से हमला करने वाले हैं. इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 'इंसानी चारा' डाला गया है, ताकि तेंदुए जाल में फंसाया जा सके. 

दो टीमें, चार दिशा से हमला

प्लानिंग के अनुसार, 2 टीमें बनाई गई हैं. पहली टीम में वन विभाग के अधिकारी, पुलिसकर्मी और ग्रामीण शामिल हैं. इनका काम तेंदुए को देखते ही उसे घेरना और एक तय दिशा की ओर भगाना है. दूसरी टीम आर्मी के जवानों की है, जो जाल बिछाकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश करेगी. वन विभाग के साथ मीटिंग करके आर्मी ने इस प्लान को बनाया है. अब तेंदुए के आने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि प्लान के तहत आगे बढ़ा जा सके.

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नहीं उठाया वृद्ध महिला का शव

आज सुबह गोगुंदा थाना इलाके के केलवो का खेड़ा गांव में मवेशियों को चारा डाल रही एक वृद्ध महिला को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया है. हमले के वक्त महिला की चीख पुकार सुनकर परिवार के अन्य लोग जब वहां दौड़कर पहुंचे तो तेंदुआ शव वहीं छोड़कर जंगल में भाग गया. वन विभाग को विश्ववास है कि तेंदुआ शव लेने के लिए वापस आएगा. इसीलिए सभी ने मिलकर महिला का शव न उठाने और उसे इंसानी चारे के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है.

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11 दिनों में 8 को बनाया शिकार

पिछले 11 दिनों में तेंदुए का इंसान पर हुआ ये 8वां हमला है. उदयपुर जिले की गोगुंदा तहसील में रहने वाले लोग इस वक्त तेंदुए के आतंक के साए में जी रहे हैं. लोगों ने अकेले घरों से निकलना बंद कर दिया है. पशुओं को घर के अंदर बांधा जा रहा है. इससे पहली घटना बड़गांव तहसील के राठौड़ों का गुड़ा में हुई. यहां मंदिर में सो रहे पुजारी को तेंदुए ने अपना शिकार बना लिया. ये इलाका गोगुंदा के पास ही है. इस कारण प्रशासन ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर रखा है. आलम यह है कि तेंदुएं की मौजूदगी की एक आहट से गांव में चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं. 

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