Rajasthan: अरावली की पहाड़ियों को छलनी कर रहे रसूखदार, किसान की बेशकीमती जमीन भी हड़पी

जब गर्मियों में पिछोला झील का जल स्तर कम हो जाता है तो आकोदड़ा डेम से देवास का पानी इसी टनल के जरिए पिछोला में जाता है, ताकि उदयपुर की जनता पानी पी सके. आरोप यह भी है कि टनल में सीवरेज भी डाला जाता है. 

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अरावली की पहाड़ियों को छलनी कर रहे रसूखदार

Rajasthan News: उदयपुर में अरावली के पहाड़ को रसूखदारों द्वारा लगातार काटा जा रहा है. इसको लेकर विभाग की भी कार्रवाई सामने आती है. शहर के समीप बुझड़ा ग्राम पंचायत में पिछोला झील को भरने वाली देवास के नाले के टनल पर ही रसूखदार ने निर्माण कार्य करवा दिया. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि अपने रसूख के दम पर नदी पेटे जमीन पर होटल जाने के लिए रास्ता भी बना लिया. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों को ज्ञापन देकर अवगत भी करा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों का आरोप है कि ताज अरावली होटल वाले अपने रसूख के दम पर यह कार्य कर रहे हैं.

टनल के रूप अवैघ रूप से निर्माण

इस निर्माण कार्य को लेकर बुझड़ा पंचायत समिति सदस्य अजय व्यास ने बताया कि जब गर्मियों में पिछोला झील का जल स्तर कम हो जाता है तो आकोदड़ा डेम से देवास का पानी इसी टनल के जरिए पिछोला में जाता है, ताकि उदयपुर की जनता पानी पी सके, लेकिन इसी टनल के ऊपर अवैध रूप से ताज अरावली की तरफ से निर्माण कार्य किया जा रहा है. नदी पेटे जमीन पर भी सड़क निर्माण कर दी गई है. यहां तक किसान की जमीन भी हड़प ली गई. 

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पीने के पानी वाली टनल में डाला जाता सीवरेज

ग्रामीण दिनेश नागदा का कहना है कि यह टनल करीब 11 किलोमीटर लंबी है. इसी के जरिए पिछोला में पानी जाता हैं. इस टनल के बिल्कुल ऊपर निर्माण कार्य किया जा रहा है. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि इसी टनल में सीवरेज भी डाला जाता है. गांव के एक किसान को डेढ़ बीघा जमीन हड़पने की भी बात सामने आई.

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किसान का कहना है कि अगर सरकारी काम के उपयोग में नहीं लेनी थी तो फिर मेरी जमीन ली ही क्यों.

किसान की जमीन पर होटल का गेट

किसान देवा भील ने बताया कि नहर के दोनों तरफ मेरी जमीन है. जल संसाधन विभाग ने किसी पाइप डालने के लिए डेढ़ बीघा जमीन ली थी जिसके करीब साढ़े तीन लाख रुपए दिए थे. इस जमीन को सरकारी उपयोग में ना लेते हुए होटल को दे दी. इसी जमीन पर होटल की तरफ से गेट बना दिया. जल संसाधन विभाग में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रमेश कुमार चौरडिया ने बताया कि 5 साल के लिए जनउपयोगी कार्य के लिए जमीन ली गई थी, जिसका कार्य खत्म हो गया है. जमीन को लेकर होटल को लेटर जारी किया और काम भी बंद है. आगे और अपडेट ले रहे हैं.

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