Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में साल 2022 में हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल दर्जी हत्याकांड को आज तीन साल हो गए हैं. आज भी यह केस वहीं का वहीं है. न्याय में हो रही देरी पीड़ित परिवार के जख्मों को और गहरा कर रही है. इस मामले ने उस समय के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया था और आज अपनी तीसरी बरसी पर एक बार फिर इस केस ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाना शुरू कर दिया है. जिसमें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मामले की जांच एनआईए के जरिए किए जाने पर कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने आधिकारिक हैंडल एक्स पर मामले के बारे में शेयर किया है, जिसमें उन्होंने न्याय की उम्मीद में तीन साल गुजारने वाले परिवार पर दुख जताया है.
NIA द्वारा मामला अपने हाथ में लेते ही जांच धीमी हो गई
उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मामले का राजनीतिक इस्तेमाल किया, लेकिन कभी न्याय दिलाने की कोशिश नहीं की. जबकि यह बहुत ही स्पष्ट मामला है, जिसमें पूरा अपराध और यहां तक कि कबूलनामा भी वीडियो में रिकॉर्ड है. हमारी सरकार के दौरान बहुत ही कम समय में अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय दिलाया गया. इस मामले में भी आरोपी को मात्र 4 घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया. उसी रात एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और आज तक न्याय का इंतजार है. भाजपा ने 5 लाख-50 लाख रुपये का झूठा प्रचार करके जनता में भ्रम फैलाया और वोट लिए.
अशोक गहलोत की पोस्ट
तीन वर्षों में 166 गवाहों में से केवल तीन ने ही गवाही दी
यह केंद्र सरकार और एनआईए की विफलता है कि तीन साल बाद भी 166 गवाहों में से केवल 6 की गवाही हो पाई है. इस जघन्य मामले में भी कोई विशेष अदालत या फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं बनाया गया। फिलहाल यह मामला सीबीआई कोर्ट के अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा है.
अब इस हत्या पर फिल्म बन रही है.इससे राजनीतिक लाभ किसे होगा यह तो सभी जानते हैं लेकिन न्याय अभी भी होता नहीं दिख रहा है. मेरा मानना है कि अगर एनआईए ने यह केस राजस्थान पुलिस से नहीं लिया होता तो इन दोषियों को बहुत पहले ही सजा मिल गई होती.
क्या है मामला
तीन साल पहले 28 जून 2022 को झीलों की नगरी उदयपुर के हाथीपोल इलाके में दो हमलावर मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद दिनदहाड़े कन्हैयालाल नाम के दर्जी के पास ग्राहक बनकर आए और नाप लेते समय उन्होंने धारदार हथियार से कन्हैयालाल पर हमला कर उसकी हत्या कर दी. साथ ही घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें दोनों आरोपियों ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए इस्लाम के अपमान का हवाला दिया. फिलहाल इस मामले में चल रही न्याय प्रक्रिया अभी भी अधूरी है.
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