"मेरी क्षमता नहीं है टॉर्चर झेलने की", उदयपुर में मेडिकल छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में बड़े खुलासे

Udaipur News: छात्रा ने सुसाइड नोट में आरोपियों का जिक्र करते हुए लिखा कि अगर भारत में जस्टिस मिलता है तो भगवत को परमानेंट जेल में डाल दो.

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दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते स्टूडेंट्स

Udaipur Medical student committed suicide: उदयपुर में अध्ययनरत जम्मू-कश्मीर की मेडिकल छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. सुसाइड नोट में मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. बीडीएस अंतिम वर्ष की छात्रा श्वेता सिंह का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटका मिला. जब उसकी रूममेट ने देखा तो छात्रावास के अधिकारियों और पुलिस को सूचित किया गया. सुखेर पुलिस स्टेशन के एसएचओ रवींद्र चरण ने बताया कि छात्रा के शव को शवगृह में रखवा दिया गया है और उसके परिवार के आने के बाद उसका पोस्टमॉर्टम किया जाएगा. शव का पोस्टमार्टम शहर के महाराणा भूपाल चिकिसालय की मोर्चरी में होगा. कमरे में मिले सुसाइड नोट में कॉलेज स्टाफ नैनी और भगवत पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. नोट में लिखा है कि अगर भारत में जस्टिस मिलता है तो भगवत को परमानेंट जेल में डाल दो. उनको भी सेम टॉर्चर फील हो, जो बच्चों को फील हो रहा है.

छात्रा का सुसाइड नोट

स्टूडेंट्स ने निकाला कैंडल मार्च

निदेशक ने बताया, "पुलिस मामले की जाँच कर रही है और अपनी रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई करेगी. कॉलेज प्रबंधन भी मामले की जांच कर रहा है और संबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाएगा." वहीं, घटना के बाद, छात्रों ने कॉलेज में विरोध मार्च निकाला और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए बाहर सड़क जाम कर दी. कॉलेज निदेशक ने छात्रों से बातचीत की और उन्हें दोषी संकाय सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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परिजन बोले- पद से हटाना काफी नहीं, कानूनी कार्रवाई हो

परिजनों का कहना है, "आरोपी स्टाफ को पद से हटाना ही काफी नहीं है, उनके खिलाफ कानूनी कारवाई भी होनी चाहिए. आरोप है कि श्वेता को फीस और कई अन्य मामलों में प्रताड़ित किया गया था और उस पर दबाव बनाया गया. इसी के चलते छात्रा ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया."

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