Rajasthan: एक शक से बिगड़ा राशन डीलर का खेल, फर्जी ऑफिसर भेज ग्रामीणों को दिया था भरोसा; मामला रसद विभाग तक पहुंचा

Rajasthan News: उदयपुर के लकड़वास इलाके में ग्रामीणों को तीन महीने से उचित मूल्य की दुकान से गेहूं नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद एक चौकाने वाला मामला सामने आया है.

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फर्जी अधिकारी ग्रामीणों का गुस्सा शांत कराते हुए

Udaipur News: राजस्थान में उदयपुर के लकड़वास इलाके से रसद विभाग और उनके द्वारा दिए जाने वाले उचित मूल्य को लेकर एक चौंकाने वाली खबर आई है. ग्रामीणों ने तीन महीने से उचित मूल्य की दुकान से गेहूं नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी बात तब सामने आई उनके विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों के बीच मामले को शांत करने के लिए एक व्यक्ति जिला रसद अधिकारी बनकर पहुंचा.जिसने उन्हें आश्वासन दिया. लेकिन बात में उसकी सच्चाई सामने आने पर लोगों ने खुद को ठगा हुआ समझा.वहीं दूसरी तरफ  विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी.

3 महीने से नहीं मिल रहा था राशन

दरअसल, मामला लकड़वास क्षेत्र का है जहां पिछले 3 महीने से क्षेत्र के लोगों को गेहूं नहीं मिल रहा था. इसको लेकर गांव लकड़वास और खेगरों की भागल के राशन उपभोक्ताओं ने उचित मूल्य की दुकान पर धरना दिया. मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया. साथ ही बताया गया कि पिछले तीन महीने से राशन डीलर बायोमेट्रिक मशीन से उनके फिंगरप्रिंट लेकर सिर्फ पर्ची देता है और एक बार भी गेहूं नहीं देता. पकड़े जाने के डर से उसने इस महीने फिंगरप्रिंट लेने पर ही गेहूं दिया, जो सरासर गलत है. जिसपर राशन डीलर ने फर्जी अधिकारी भेज मामले को दबाने की कोशिश की.

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ग्रामीणों के जरिए दिया गया लेटर
Photo Credit: NDTV

लिखित में आश्वासन और फंसा पेच

इसी मामले पर अधिक जानकारी देते हुए वार्ड पंच दुर्गाशंकर डांगी ने बताया कि सोमवार को जब विरोध प्रदर्शन किया गया तो राशन डीलर प्रहलाद चोरड़िया के माध्यम से डीएसओ कार्यालय की डमी टीम के सदस्य और एक अन्य व्यक्ति को मामले को निपटाने के लिए मौके पर भेजा गया.  जिसने अपना नाम चतर सिंह बताया. साथ उन्हें आश्वासन दिया कि बुधवार को उन्हें शेष तीन महीने का राशन मिल जाएगा. उन्होंने यह आश्वासन लिखित में दिया. उन्होंने आगे की जानकारी और संपर्क के लिए अपना मोबाइल नंबर भी दिया.

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शक से बिगड़ा राशन डीलर का खेल

शक होने पर जब लोगों ने फोन किया तो उस नंबर पर एक महिला ने फोन उठाया . पूछने पर बताया कि  यह गलत नंबर है. जिसके बाद गांव के जनप्रतिनिधियों ने विभाग को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने मामले की जांच और एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही आज यानी मंगलवार को वे इस संबंध में उनसे मिलेंगे.

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