Rajasthan: बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री से की जैसलमेर कलेक्टर की शिकायत, शेखावत बोले- 'वो कांग्रेस की पाठशाला में पढ़ रहे हैं'

उम्मेदाराम बेनीवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, 'वे नए-नए कांग्रेस में आए हैं और उसकी पाठशाला में पढ़ रहे हैं. उनकी इस हरकत से कांग्रेस का स्वभाव झलक रहा है.'

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उम्मेदाराम के आरोपों पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है.

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर शहर में शनिवार को डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया जा रहा है. कलेक्ट्रेट सभागार में इसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं. इस मीटिंग को लेकर अब बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत और जोधपुर सांसद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस मामले में संज्ञान लेने और बैठक स्थगित करने की मांग की है.

'पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे DM'

बेनीवाल ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, 'शिवराज जी, आपके मंत्रालय ने जिस उद्देश्य के लिए दिशा समिति का गठन किया, उसके विपरीत जाकर जैसलमेर जिला कलेक्टर जबरन बैठक करवा रहे हैं. इस बैठक में स्थानीय सांसद तक को शामिल नहीं किया गया है. मैं रेलवे की संसदीय स्थाई समिति का सदस्य हूं और फिलहाल उसी काम से अन्य राज्य के दौरे पर हूं. मैंने कलेक्टर को लिखित जवाब में बताया था कि मेरे वापस लौटने पर ही यह बैठकर करवाएं. लेकिन उन्होंने जोधपुर सांसद के दबाव में आकर इस बैठकर का आयोजन मेरे पहुंचने से पहले ही कर दिया. ये ठीक नहीं है. जिला कलेक्टर अपने दायित्व को भुलाकर एक पार्टी विशेष के प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं. ये संविधान की भावना के खिलाफ है. मेरा आपसे अनुरोध है कि दिशा समिति की सार्थकता बनाए रखने के लिए आप अविलंब संज्ञान लेकर  इस बैठक को स्थगित करा दें.'

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'15 दिन तक नोटिस जेब में रखकर घूमते रहे'

इन आरोपों पर भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उनका कहना है, 'आज से 21 दिन पहले मैंने बैठक करने के लिए जिला प्रशासन को सूचना भेजी थी. नियम के मुताबिक, बैठक से 15 दिन पहले नोटिस भेजा जाना जरूरी है. जिला प्रशासन ने इसका पालन करते हुए उम्मेदाराम बेनीवाल को नोटिस भेज दिया था. वे 15 दिनों तक नोटिस जेब में रखकर घूमते रहे, और आज सुबह अचानक मोबाइल से ट्वीट कर दिया. अगर वो 15 दिन पहले ही मुझे फोन करके अपनी बात बता देते तो बैठक आगे बढ़ा दी जाती. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. वे नए-नए कांग्रेस में आए हैं और उसकी पाठशाला में पढ़ रहे हैं. उनकी इस हरकत से कांग्रेस का स्वभाव झलक रहा है.'

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