Rajasthan: केंद्र सरकार के बजट से उम्मीद लगाए बैठी ये छात्राएं, महिला सुरक्षा और डिजिटल शिक्षा बड़ा मुद्दा

Interim Budget 2024: केंद्र के बजट से पहले NDTV के साथ छात्राओं ने अपने मुद्दों को लेकर खुलकर बात की, जिसमें महिला सुरक्षा, एआई को पाठ्यक्रम में जोड़ना, डिजिटल शिक्षा, दूर दराज से आने वाली छात्राओं के लिए उचित साधन के प्रबंध जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
बजट को लेकर उत्साहित छात्राएं

Rajasthan News: केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. सरकार के इस बजट से देश का हर वर्ग उम्मीद लगाए बैठा है. देश में नए शिक्षा हब के रूप में उभर रहे जोधपुर में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्राएं भी केंद्र के इस बजट पर टकटकी लगाए बैठी हैं. एनडीटीवी की टीम ने जोधपुर में कॉलेज की छात्रों से खास बातचीत कर जाना कि इस बार के बजट से उच्च शिक्षा से जुड़ी छात्रा वर्ग की क्या उम्मीदें है?

बजट से छात्राओं को डिजिटल शिक्षा की आस 

एनडीटीवी की टीम ने देश के प्रतिष्ठित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से सम्बंधित कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में पढ़ रही छात्राओं से उनके मुद्दों को लेकर खास बातचीत की. छात्राओं ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटाइजेशन को और अधिक मजबूत करने के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भी उच्च शिक्षा में प्राथमिकता के साथ शामिल किए जाने की बात की. वहीं कुछ छात्राओं ने दूरदराज गांवों से शहर में पढ़ने आने के लिए अच्छी सुविधा मुहैया कराने की मांग की. साथ ही कुछ छात्राओं ने शिक्षकों की कमी को भी पूरा करने की बात रखी.

इस बजट से महिला सुरक्षा की उम्मीद 

जोधपुर एक तरफ जहां देश का नया शिक्षा हब भी है तो वहीं राजस्थान की न्यायिक राजधानी भी है. जहां छात्राओं ने महिलाओं के प्रति बढ़े अपराध को लेकर भी कड़े कानून बनाने की भी बात कही. छात्राओं की मांग है कि केंद्र के इस बजट में महिला और छात्राओं की सुरक्षा और अधिक मजबूत करना चाहिए. वहीं कुछ छात्राओं ने खेल सुविधाओं में छात्रा वर्ग को अधिक प्राथमिकता देने के साथ ही खेल सुविधाओं की विस्तार करने की भी बात कही.

रिमोर्ट सेंसिंग सेक्टर में खुले विश्वविद्यालय

स्नातक की एक छात्रा ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि रिमोट एरिया में एजुकेशन की वर्तमान में सुविधा कम है. जहां ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को शहरी क्षेत्र में आना पड़ता है. अत्यधिक शुल्क होने की वजह से कई छात्राएं उसको अफोर्ड भी नहीं कर पाती. जिस कारण से उनकी पढ़ाई भी छूट जाती है. जहां मेरी यह केंद्र सरकार से मांग है कि वह इस बजट में ज्यादा से ज्यादा रिमोट एरिया में यूनिवर्सिटी को खोलें.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 'हमने नहीं किया तो आप भी नहीं करोगे? फिर क्या अंतर', टीकाराम जूली ने विधानसभा में उठाया सवाल