"साढ़े 4 साल काम किया होता तो मुख्यमंत्री को गारंटी बांटने की जरूरत नहीं पड़ती"

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य की धोखेबाज सरकार को बेनकाब करने के लिए गंभीरता से काम करना होगा. राज्य में माताओं-बहनों के साथ अत्याचार बढ़ गया है. इससे राजस्थान रेप केपिटल बन चुका है, जहां लगभग सत्रह बलात्कार रोज हो रहे हैं

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Jaisalmer:

प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्य विपक्षी दल भाजपा सत्तासीन अशोक गहलोत के खिलाफ आक्रामक रूख अपना लिया है. सोमवार को जैसलमेर में आयोजित किसान मोर्चा सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कई आरोप लगाए. 

केंंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार झूठे वादे कर सत्ता में आई और अब उन वादों को पूरा नहीं कर पा रही है तो गारंटियां बांटती रही है. इस सरकार ने साढ़े चार साल तक कुर्सी बचाए रखने के सिवाय कुछ नहीं किया. यदि पहले काम कर लिया होता तो ये गारंटियां बांटने की जरूरत नहीं पड़ती. केंद्रीय मंत्री सोमवार को जैसलमेर में भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चे की ओर से आयोजित सम्मेलन में पहुंचे थे.

इस अराजक सरकार की नीतियों के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं. किसान के सामने फसल बोने से लेकर फसल मंडी में ले जाने तक की चिंता लगी रहती है. प्रधानमंत्री ने किसानों की समस्या देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू किया था, लेकिन गहलोत सरकार की लापरवाही के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. 

गजेन्द्र सिंह शेखावत

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री

अपराधों के बढ़ते मामलों में राजस्थान अव्वल

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य की धोखेबाज सरकार को बेनकाब करने के लिए गंभीरता से काम करना होगा. राज्य में माताओं-बहनों के साथ अत्याचार बढ़ गया है. इससे राजस्थान रेप कैपिटल बन चुका है, जहां लगभग सत्रह बलात्कार रोज हो रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया दुर्भाग्य से कांग्रेस सरकार में उनके लिए कानून व्यवस्था कोई प्राथमिकता नहीं है. सरकार केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगी है, . 

केन्द्र की योजनाओं में पिछड़ा है राजस्थान

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार में प्रदेश हर क्षेत्र में नंबर वन था. केन्द्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम तेजी से हुआ था. लेकिन गहलोत सरकार आने के बाद स्थितियां बिगड़ गईं. केन्द्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन ढीला पड़ रहा है. जल जीवन मिशन कार्यक्रम (Jal Jeevan Mission Program) के तहत हो रहे कार्य राजस्थान में ही सबसे धीमी गति से हुए हैं. 

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